International Women's Day

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस International Women's Day  सुन्दर नहीं सशक्त नारी  "चूड़ी, बिंदी, लाली, हार-श्रृंगार यही तो रूप है एक नारी का। इस श्रृंगार के साथ ही जिसकी सूरत चमकती हो और जो  गोरी उजली भी हो वही तो एक सुन्दर नारी है।"  कुछ ऐसा ही एक नारी के विषय में सोचा और समझा जाता है। समाज ने हमेशा से उसके रूप और रंग से उसे जाना है और उसी के अनुसार ही उसकी सुंदरता के मानक भी तय कर दिये हैं। जबकि आप कैसे दिखाई देते हैं  से आवश्यक है कि आप कैसे है!! ये अवश्य है कि श्रृंगार तो नारी के लिए ही बने हैं जो उसे सुन्दर दिखाते है लेकिन असल में नारी की सुंदरता उसके बाहरी श्रृंगार से कहीं अधिक उसके मन से होती है और हर एक नारी मन से सुन्दर होती है।  वही मन जो बचपन में निर्मल और चंचल होता है, यौवन में भावुक और उसके बाद सुकोमल भावनाओं का सागर बन जाता है।  इसी नारी में सौम्यता के गुणों के साथ साथ शक्ति का समावेश हो जाए तो तब वह केवल सुन्दर नहीं, एक सशक्त नारी भी है और इस नारी की शक्ति है ज्ञान। इसलिए श्रृंगार नहीं अपितु ज्ञान की शक्ति एक महिला को विशेष बनाती है।   ज्...

Valentine's Day

वेलेंटाइन डे ...I love you vs अजी सुनते हो...

      
  रोहित और निशा एक प्राइवेट कंपनी में साथ में काम करते हैं लेकिन रोहित निशा से सीनियर पद पर है। अपनी नौकरी के पहले दिन निशा बहुत घबराई हुई थी लेकिन सीनियर रोहित ने उसकी खूब मदद की। दोनों साथ काम करते हुए एक अच्छे दोस्त बन गए थे और अब तो रोहित निशा से प्यार भी करने लगा था।
    दोनों साथ में लंच करते और ऑफिस के साथ साथ घर की समस्या भी साझा करते। शाम को छुट्टी होती तो घर भी साथ निकलते। एक दिन रोहित निश्चय करता है कि वो वेलेंटाइन डे पर निशा को अपने दिल की बात बता देगा।
   इस वेलेंटाइन डे के दिन रोहित ने सोचा कि ऑफिस की छुट्टी के समय तसल्ली से कॉफी हाउस में बैठकर निशा को अपने दिल का हाल बयां करेगा लेकिन निशा को किसी काम से दिन में ही घर आना पड़ा। 
  रोहित को बहुत बुरा लगा कि आज निशा बिना कुछ कहे ही अकेले निकल गई लेकिन वेलेंटाइन डे के खास दिन अपनी बात कहने का मौका वो किसी हाल में गंवाना नहीं चाहता था। उसने तुरंत फोन करके अपनी बात बतानी चाही इसलिए निशा को फोन मिला दिया लेकिन दिल की बात कहने की हिम्मत न हुई और केवल घर का हाल जानकर ही फोन काट दिया। 
   जिद्दी मन से अबकी बार निशा को झट से I Love You का मैसेज टाइप तो कर दिया लेकिन भेजने की हिम्मत यहां भी न कर पाया। फिर कुछ देर सोचता रहा और अब 
वेलेंटाइन डे की शाम भी गुजरने वाली थी इसलिए रोहित को लगा कि अगर वो आज भी नहीं बता पाया तो फिर कभी नहीं बोल पाएगा। उसने निश्चय कर ही लिया कि आज शाम ही वो निशा से मिलेगा और अपने प्यार का इजहार कर ही देगा। उसने ऑफिस से निकलकर निशा के लिए गुलाब के फूल लिए और उसके घर की तरफ चल पड़ा। निशा से मिलते ही 'I Love You' कहने ही जा रहा था कि तभी जोर से कड़कड़ाती आवाज़ आयी, 

" अजी सुनते हो! सुबह के 9 बज गए हैं, ये खररांटे मारना बंद करो। पता नहीं नींद में क्या बड़बड़ाते रहते हो। जल्दी उठो। भूल गए क्या आज 14 फरवरी है.. आज तो चुनाव हैं।
 आज के दिन हमें वोट देने भी तो जाना है। अजी! सुनते हो की नहीं। "
(यह एक काल्पनिक घटना है इसका किसी के साथ कोई संबंध नहीं है अगर किसी को ऐसा लगता है तो वह केवल एक संयोग मात्र है।)

एक- Naari

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