Posts

Showing posts with the label सावन और शिवनाम

शांत से विकराल होते पहाड़...

Image
शांत से विकराल होते पहाड़...   क्या हो गया है पहाड़ में?? शांत और स्थिरता के साथ खड़े पहाड़ों में इतनी उथल पुथल हो रही है कि लगता है पहाड़ दरक कर बस अब मैदान के साथ में समाने वाला है। क्या जम्मू, क्या उत्तराखंड और क्या हिमाचल! दोनों जगह एक सा हाल! कभी बादल फटने से तो कभी नदी के रौद्र् रूप ने तो कभी चट्टानों के टूटने या भू धंसाव से ऐसी तबाही हो रही है जिसे देखकर सभी का मन विचलित हो गया है। प्रकृति के विनाशकारी स्वरुप को देख कर मन भय और आतंक से भर गया है। इन्हें केवल आपदाओं के रूप में स्वीकार करना गलती है। असल में ये चेतावनी है और प्रकृति की इन चेतावनियों को समझना और स्वयं को संभालना दोनों जरूरी है।     ऐसा विकराल रूप देखकर सब जगह हाहाकार मच गया है कि कोई इसे कुदरत का कहर तो कोई प्रकृति का प्रलय तो कोई दैवीए आपदा कह रहा है लेकिन जिस तेजी के साथ ये घटनाएं बढ़ रही है उससे तो यह भली भांति समझा जा सकता है कि यह प्राकृतिक नहीं मानव निर्मित आपदाएं हैं जो प्राकृतिक रूप से बरस पड़ी हैं।    और यह कोई नई बात नहीं है बहुत पहले से कितने भू वैज्ञानिक, पर्यावरणविद और ...

सावन: शिवनाम: आत्मकल्याण

Image
 शिवनाम: कल्याण के लिए हिन्दू सभ्यता और संस्कृति में सावन का आना मतलब कि एक नई ऊर्जा का संचार होना है। इसकी हरियाली नव जीवन का द्योतक है जो हमें शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक रूप से नया जीवन देती है। जहाँ इसे प्रेम और वृद्धि का समय माना जाता है वहीं सावन को  आत्म शुद्धि करने का समय भी माना जाता है जिसका अर्थ है हमें मानसिक, आत्मिक और अध्यात्मिक रूप से दृढ़ता मिलना।      चुंकि शिव सगुण भी हैं और निर्गुण भी, पालनकर्ता भी और संहारकर्ता भी, संसारिक भी है और विरक्त भी, शांत भी है तो रुद्र भी। हर स्थिति परिस्थिति में भगवान शिव को एक संतुलन बनाए रखते है। इसलिए भगवान शिव की आराधना से हमें जीवन में संतुलित रहने की शक्ति मिलती हैं।  सावन मास में भगवान शिव की साधना, पूजा, अर्चना, स्तुति, पाठ, अभिषेक एवं उनके नाम मात्र के जप से ही घर में सुख, समृद्धि, शांति और शक्ति की प्राप्ति होती है इसलिए हिन्दुओं में सावन के शुभ माह में महादेव शिव को पूजा जाता है। लेकिन  सत्य यही है कि केवल सावन माह मे ही नहीं अपितु हर क्षण, हर समय, हर काल में शिव नाम सर्वदा हितकारी है। ...