थोड़ा कुमाऊँ घूम आते हैं...भाग-2

Image
थोड़ा कुमाऊँ घूम आते हैं...भाग- 2   पिछले लेख में हम हरिद्वार स्थित चंडी देवी के दर्शन करके आगे बढ़ रहे थे यानी कि उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल से अब कुमाऊँ मंडल की सीमाओं में प्रवेश कर रहे थे बता दें कि उत्तराखंड के इस एक मंडल को दूसरे से जोड़ने के लिए बीच में उत्तर प्रदेश की सीमाओं को भी छूना पड़ता है इसलिए आपको अपने आप बोली भाषा या भूगोल या वातावरण की विविधताओं का ज्ञान होता रहेगा।     कुमाऊँ में अल्मोडा, नैनीताल, रानीखेत, मुक्तेश्वर, काशीपुर, रुद्रपुर, पिथौरागढ, पंत नगर, हल्दवानी जैसे बहुत से प्रसिद्ध स्थान हैं लेकिन इस बार हम केवल नैनीताल नगर और नैनीताल जिले में स्थित बाबा नीम करौली के दर्शन करेंगे और साथ ही जिम कार्बेट की सफ़ारी का अनुभव लेंगे।   225 किलोमीटर का सफर हमें लगभग पांच से साढ़े पांच घंटों में पूरा करना था जिसमें दो बच्चों के साथ दो ब्रेक लेने ही थे। अब जैसे जैसे हम आगे बढ़ रहे थे वैसे वैसे बच्चे भी अपनी आपसी खींचतान में थोड़ा ढ़ीले पड़ रहे थे। इसलिए बच्चों की खींचतान से राहत मिलते ही कभी कभी मैं पुरानी यादों के सफर में भी घूम रही थी।     कुमाऊँ की मेरी ये तीसर

Valentine's Day

वेलेंटाइन डे ...I love you vs अजी सुनते हो...

      
  रोहित और निशा एक प्राइवेट कंपनी में साथ में काम करते हैं लेकिन रोहित निशा से सीनियर पद पर है। अपनी नौकरी के पहले दिन निशा बहुत घबराई हुई थी लेकिन सीनियर रोहित ने उसकी खूब मदद की। दोनों साथ काम करते हुए एक अच्छे दोस्त बन गए थे और अब तो रोहित निशा से प्यार भी करने लगा था।
    दोनों साथ में लंच करते और ऑफिस के साथ साथ घर की समस्या भी साझा करते। शाम को छुट्टी होती तो घर भी साथ निकलते। एक दिन रोहित निश्चय करता है कि वो वेलेंटाइन डे पर निशा को अपने दिल की बात बता देगा।
   इस वेलेंटाइन डे के दिन रोहित ने सोचा कि ऑफिस की छुट्टी के समय तसल्ली से कॉफी हाउस में बैठकर निशा को अपने दिल का हाल बयां करेगा लेकिन निशा को किसी काम से दिन में ही घर आना पड़ा। 
  रोहित को बहुत बुरा लगा कि आज निशा बिना कुछ कहे ही अकेले निकल गई लेकिन वेलेंटाइन डे के खास दिन अपनी बात कहने का मौका वो किसी हाल में गंवाना नहीं चाहता था। उसने तुरंत फोन करके अपनी बात बतानी चाही इसलिए निशा को फोन मिला दिया लेकिन दिल की बात कहने की हिम्मत न हुई और केवल घर का हाल जानकर ही फोन काट दिया। 
   जिद्दी मन से अबकी बार निशा को झट से I Love You का मैसेज टाइप तो कर दिया लेकिन भेजने की हिम्मत यहां भी न कर पाया। फिर कुछ देर सोचता रहा और अब 
वेलेंटाइन डे की शाम भी गुजरने वाली थी इसलिए रोहित को लगा कि अगर वो आज भी नहीं बता पाया तो फिर कभी नहीं बोल पाएगा। उसने निश्चय कर ही लिया कि आज शाम ही वो निशा से मिलेगा और अपने प्यार का इजहार कर ही देगा। उसने ऑफिस से निकलकर निशा के लिए गुलाब के फूल लिए और उसके घर की तरफ चल पड़ा। निशा से मिलते ही 'I Love You' कहने ही जा रहा था कि तभी जोर से कड़कड़ाती आवाज़ आयी, 

" अजी सुनते हो! सुबह के 9 बज गए हैं, ये खररांटे मारना बंद करो। पता नहीं नींद में क्या बड़बड़ाते रहते हो। जल्दी उठो। भूल गए क्या आज 14 फरवरी है.. आज तो चुनाव हैं।
 आज के दिन हमें वोट देने भी तो जाना है। अजी! सुनते हो की नहीं। "
(यह एक काल्पनिक घटना है इसका किसी के साथ कोई संबंध नहीं है अगर किसी को ऐसा लगता है तो वह केवल एक संयोग मात्र है।)

एक- Naari

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

उत्तराखंडी अनाज.....झंगोरा (Jhangora: Indian Barnyard Millet)

उत्तराखंड का मंडुआ/ कोदा/ क्वादु/ चुन

मेरे ब्रदर की दुल्हन (गढ़वाली विवाह के रीति रिवाज)