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Showing posts from June, 2022

थोड़ा कुमाऊँ घूम आते हैं...भाग-2

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थोड़ा कुमाऊँ घूम आते हैं...भाग- 2   पिछले लेख में हम हरिद्वार स्थित चंडी देवी के दर्शन करके आगे बढ़ रहे थे यानी कि उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल से अब कुमाऊँ मंडल की सीमाओं में प्रवेश कर रहे थे बता दें कि उत्तराखंड के इस एक मंडल को दूसरे से जोड़ने के लिए बीच में उत्तर प्रदेश की सीमाओं को भी छूना पड़ता है इसलिए आपको अपने आप बोली भाषा या भूगोल या वातावरण की विविधताओं का ज्ञान होता रहेगा।     कुमाऊँ में अल्मोडा, नैनीताल, रानीखेत, मुक्तेश्वर, काशीपुर, रुद्रपुर, पिथौरागढ, पंत नगर, हल्दवानी जैसे बहुत से प्रसिद्ध स्थान हैं लेकिन इस बार हम केवल नैनीताल नगर और नैनीताल जिले में स्थित बाबा नीम करौली के दर्शन करेंगे और साथ ही जिम कार्बेट की सफ़ारी का अनुभव लेंगे।   225 किलोमीटर का सफर हमें लगभग पांच से साढ़े पांच घंटों में पूरा करना था जिसमें दो बच्चों के साथ दो ब्रेक लेने ही थे। अब जैसे जैसे हम आगे बढ़ रहे थे वैसे वैसे बच्चे भी अपनी आपसी खींचतान में थोड़ा ढ़ीले पड़ रहे थे। इसलिए बच्चों की खींचतान से राहत मिलते ही कभी कभी मैं पुरानी यादों के सफर में भी घूम रही थी।     कुमाऊँ की मेरी ये तीसर

देहरादून: बदलता मौसम...

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देहरादून: बदलता मौसम...    चलो अब तो बारिश हुई और अब जाकर कुछ ठंडक मिली है नहीं तो गर्मी से सब सूख रहे थे। वैसे गर्मियों के दिन है तो गर्मी पड़ेगी ही लेकिन इतनी गर्मी पड़ेगी इसका अंदाज़ा नहीं था। हालांकि हर वर्ष यही कहा जाता है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस साल बहुत गर्मी है लेकिन सच में देहरादून में ऐसी गर्मी का अनुभव पहली बार ही हुआ क्योंकि भले ही देहरादून में तीन चार दिन जलनखोर गर्मी हो लेकिन उसके अगले दिन ठंडक देने बरखा रानी आ ही जाती थी। मगर जाने क्या हुआ इस बार कि बारिश को आते आते 15-20 दिन लग गए लेकिन देर से ही सही अब राहत मिली है क्योंकि बारिश के बाद गर्म मौसम यहाँ उमस नहीं अपितु ठंडा कर देता है।    यहाँ के मौसम का मिजाज ऐसा है कि बस एक बारिश की फुहार और फिर तपने वाला देहरादून ठंडक वाली दून घाटी में बदल जाता है। इसलिए कहा जाता है कि देहरादून के मौसम का कुछ पता नहीं चलता, कब पलट जाए। तभी तो कब से उम्मीद लगा के बैठे थे कि देहरादून का पारा तीन- चार दिन बढ़ते बढ़ते अब तो पलटी मार के नीचे लुढ़क ही जायेगा लेकिन इस बार हमारा ये ख्याल हवा हो गया। देहरादून जो हमेशा से अपने ख

मिशलिन स्टार शेफ विकास खन्ना: सीखने के लिए जुनून जरूरी है...

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मिशलिन स्टार शेफ विकास खन्ना: सीखने के लिए जुनून जरूरी है...     शेफ विकास खन्ना को आज कौन नहीं जानता। ये वो हस्ती है जिनका नाम केवल होटल या रेस्टोरेंट में ही नहीं अपितु पूरी दुनिया में इज्जत के साथ लिया जाता है। 'शेफ विकास खन्ना' जिन्होंने भारतीय व्यंजनों का स्वाद पूरी दुनिया को नए स्वरूप में चखाया।    आज अपनी इसी पर पाक कला के दम पर शेफ विकास खन्ना दुनिया के 10 बेहतरीन ग्लोबल शेफ में से एक हैं। पहली जून को गजेट रिव्यू में शेफ विकास खन्ना को छठा स्थान मिला है और शेफ गॉर्डन रामसे को पहला। शेफ विकास खन्ना को इन्ही सुप्रसिद्ध शेफ गॉर्डन रामसे के शो में भी काम किया है।  पूरी दुनिया के शीर्ष दस में से छठा बेस्ट शेफ होना बहुत बड़ी बात है और भारतीय स्वाद और उसके कारोबार से जुड़े हर भारतीय के लिए ये एक गर्व की बात है।     अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अमृतसर मूल के शेफ विकास खन्ना मिशलिन स्टार भी है जो उन्हें उनके न्यूयाॅर्क स्थित जुनून रेस्त्रां के लिए दिया गया है। मिशलिन स्टार अवार्ड एक फ्रांसीसी अवार्ड है जो फाइन डाइनिंग रेस्टोरेंट की दुनिया में बेहतरीन काम करने वालों को