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थोड़ा कुमाऊँ घूम आते हैं... भाग -3

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थोड़ा कुमाऊँ घूम आते हैं... भाग - 3    पिछले लेख में हमारे पास नैनीताल घूमने का केवल आधा दिन था जिसे हमने खूब अच्छे से व्यतीत किया और कहा था कि आगे का रास्ता लंबा नहीं है क्योंकि अब हमें नैनीताल से कैंची धाम जाना था। 10 मार्च की सुबह हम अब नैनीताल के पहाड़ी मार्ग से आगे कुमाऊँ की पहाड़ियों के और निकट जा रहे थे।   कैंची धाम:     कैंची धाम जिसे नीम करौरी आश्रम के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह कुमाऊँ के सुरम्य, शांत वातावरण के मध्य कैंची गाँव में स्थित एक अध्यात्मिक आश्रम है जिसे संत नीम करौरी बाबा जी ने बनाया था। बाबा जी स्वयं हनुमान जी के बहुत बड़े उपासक थे इसलिए इनके कई भक्त इन्हें चमत्कारी मानते हैं एवं हनुमान जी की तरह ही पूजते हैं।          कैंची धाम, 10 मार्च 2024    नैनीताल से कैंची धाम की दूरी 20 किलोमीटर के आसपास है जो कि 40-50 मिनट में पूरी की जा सकती है लेकिन कई बार ये दूरी घंटे भर से कई अधिक भी हो जाती है क्योंकि कैंची धाम एक लोकप्रिय धाम है तो दर्शनार्थी हमेशा बने रहते हैं और दूसरा यह नैनीताल अल्मोड़ा मार्ग पर स्थित है और यह मार्ग आगे चलकर कुमाऊँ क

थोड़ा कुमाऊँ घूम आते हैं...

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 थोड़ा कुमाऊँ घूम आते हैं...    जब सफर में दो बच्चे साथ हों तो रास्ता कितना भी लंबा हो उसका पता ही नहीं चलता वो भी भाई बहन क्योंकि उनके झगड़े, खींचतान, वाद विवाद सुलझाते सुलझाते आपकी मंजिल कब आ जाती है उसका पता ही नहीं चलता। ऐसा ही कुछ हाल हमारे साथ भी था क्योंकि मेरे दोनों बच्चे जिया और जय मेरे साथ एक छोटे से सफर में थे।    योजना तो पता नहीं कहाँ से आरम्भ हुई जो गोवा, दिल्ली, मथुरा, वृंदावन से होते होते अपने उत्तराखंड में ही समाप्त हुई क्योंकि इतने कम समय में सोचा कि थोड़ा कुमाऊँ घूम आते हैं। इसलिए मैं, विकास, माँ (सास जी) और दोनों बच्चे सभी एक साथ उत्तराखंड के कुमाऊँ मंडल के प्रसिद्ध स्थलों में से कुछेक का भ्रमण करने जा रहे थे।   वैसे सोचा था कि मार्च के अंतिम दिनों में घूमने जायेंगे, जब दोनों बच्चे वार्षिक परीक्षाओं के बाद अपनी नई कक्षाओं में जाने की तैयारी कर रहे हो लेकिन जब एक ही घर के दो बच्चे अलग अलग विद्यालय के छात्र हो तो कहीं न कहीं छुट्टियों के कैलेंडर का तालमेल गड़बड़ा ही जाता है। जैसे कि जिया की वार्षिक परिक्षाएँ तो समाप्त हो चुकी थी और छुट्टियां चल रही हैं वही