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शांत से विकराल होते पहाड़...

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शांत से विकराल होते पहाड़...   क्या हो गया है पहाड़ में?? शांत और स्थिरता के साथ खड़े पहाड़ों में इतनी उथल पुथल हो रही है कि लगता है पहाड़ दरक कर बस अब मैदान के साथ में समाने वाला है। क्या जम्मू, क्या उत्तराखंड और क्या हिमाचल! दोनों जगह एक सा हाल! कभी बादल फटने से तो कभी नदी के रौद्र् रूप ने तो कभी चट्टानों के टूटने या भू धंसाव से ऐसी तबाही हो रही है जिसे देखकर सभी का मन विचलित हो गया है। प्रकृति के विनाशकारी स्वरुप को देख कर मन भय और आतंक से भर गया है। इन्हें केवल आपदाओं के रूप में स्वीकार करना गलती है। असल में ये चेतावनी है और प्रकृति की इन चेतावनियों को समझना और स्वयं को संभालना दोनों जरूरी है।     ऐसा विकराल रूप देखकर सब जगह हाहाकार मच गया है कि कोई इसे कुदरत का कहर तो कोई प्रकृति का प्रलय तो कोई दैवीए आपदा कह रहा है लेकिन जिस तेजी के साथ ये घटनाएं बढ़ रही है उससे तो यह भली भांति समझा जा सकता है कि यह प्राकृतिक नहीं मानव निर्मित आपदाएं हैं जो प्राकृतिक रूप से बरस पड़ी हैं।    और यह कोई नई बात नहीं है बहुत पहले से कितने भू वैज्ञानिक, पर्यावरणविद और ...

Valentine's Day

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वेलेंटाइन डे ...I love you vs अजी सुनते हो...          रोहित और निशा एक प्राइवेट कंपनी में साथ में काम करते हैं लेकिन रोहित निशा से सीनियर पद पर है। अपनी नौकरी के पहले दिन निशा बहुत घबराई हुई थी लेकिन सीनियर रोहित ने उसकी खूब मदद की। दोनों साथ काम करते हुए एक अच्छे दोस्त बन गए थे और अब तो रोहित निशा से प्यार भी करने लगा था।     दोनों साथ में लंच करते और ऑफिस के साथ साथ घर की समस्या भी साझा करते। शाम को छुट्टी होती तो घर भी साथ निकलते। एक दिन रोहित निश्चय करता है कि वो वेलेंटाइन डे पर निशा को अपने दिल की बात बता देगा।    इस वेलेंटाइन डे के दिन रोहित ने सोचा कि ऑफिस की छुट्टी के समय तसल्ली से कॉफी हाउस में बैठकर निशा को अपने दिल का हाल बयां करेगा लेकिन निशा को किसी काम से दिन में ही घर आना पड़ा।    रोहित को बहुत बुरा लगा कि आज निशा बिना कुछ कहे ही अकेले निकल गई लेकिन वेलेंटाइन डे के खास दिन अपनी बात कहने का मौका वो किसी हाल में गंवाना नहीं चाहता था। उसने तुरंत फोन करके अपनी बात बतानी चाही इसलिए निशा को फोन मि...