International Women's Day
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस International Women's Day सुन्दर नहीं सशक्त नारी "चूड़ी, बिंदी, लाली, हार-श्रृंगार यही तो रूप है एक नारी का। इस श्रृंगार के साथ ही जिसकी सूरत चमकती हो और जो गोरी उजली भी हो वही तो एक सुन्दर नारी है।" कुछ ऐसा ही एक नारी के विषय में सोचा और समझा जाता है। समाज ने हमेशा से उसके रूप और रंग से उसे जाना है और उसी के अनुसार ही उसकी सुंदरता के मानक भी तय कर दिये हैं। जबकि आप कैसे दिखाई देते हैं से आवश्यक है कि आप कैसे है!! ये अवश्य है कि श्रृंगार तो नारी के लिए ही बने हैं जो उसे सुन्दर दिखाते है लेकिन असल में नारी की सुंदरता उसके बाहरी श्रृंगार से कहीं अधिक उसके मन से होती है और हर एक नारी मन से सुन्दर होती है। वही मन जो बचपन में निर्मल और चंचल होता है, यौवन में भावुक और उसके बाद सुकोमल भावनाओं का सागर बन जाता है। इसी नारी में सौम्यता के गुणों के साथ साथ शक्ति का समावेश हो जाए तो तब वह केवल सुन्दर नहीं, एक सशक्त नारी भी है और इस नारी की शक्ति है ज्ञान। इसलिए श्रृंगार नहीं अपितु ज्ञान की शक्ति एक महिला को विशेष बनाती है। ज्...
Jai mata di, true, phele santosh thaa to santoshi mata abb sab ko vaibhav chaiya ....
ReplyDeleteJai mata di
ReplyDeleteJai maa santoshi
ReplyDeleteSahi kaha aapne aaj kal kuch aisa hi hai apne society main kyonki hum santoshi mata and santosh dono ko bhulte ja rahe hai jo hamare society ke liye accha nahi hai
Iske liye kuch awareness badhane ke liye bhi kuch likhiye to aui bhi achcha rahega
Jai Mata ji
Short and sweet post. Good message and nice thought.
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