थोड़ा कुमाऊँ घूम आते हैं...भाग-2

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थोड़ा कुमाऊँ घूम आते हैं...भाग- 2   पिछले लेख में हम हरिद्वार स्थित चंडी देवी के दर्शन करके आगे बढ़ रहे थे यानी कि उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल से अब कुमाऊँ मंडल की सीमाओं में प्रवेश कर रहे थे बता दें कि उत्तराखंड के इस एक मंडल को दूसरे से जोड़ने के लिए बीच में उत्तर प्रदेश की सीमाओं को भी छूना पड़ता है इसलिए आपको अपने आप बोली भाषा या भूगोल या वातावरण की विविधताओं का ज्ञान होता रहेगा।     कुमाऊँ में अल्मोडा, नैनीताल, रानीखेत, मुक्तेश्वर, काशीपुर, रुद्रपुर, पिथौरागढ, पंत नगर, हल्दवानी जैसे बहुत से प्रसिद्ध स्थान हैं लेकिन इस बार हम केवल नैनीताल नगर और नैनीताल जिले में स्थित बाबा नीम करौली के दर्शन करेंगे और साथ ही जिम कार्बेट की सफ़ारी का अनुभव लेंगे।   225 किलोमीटर का सफर हमें लगभग पांच से साढ़े पांच घंटों में पूरा करना था जिसमें दो बच्चों के साथ दो ब्रेक लेने ही थे। अब जैसे जैसे हम आगे बढ़ रहे थे वैसे वैसे बच्चे भी अपनी आपसी खींचतान में थोड़ा ढ़ीले पड़ रहे थे। इसलिए बच्चों की खींचतान से राहत मिलते ही कभी कभी मैं पुरानी यादों के सफर में भी घूम रही थी।     कुमाऊँ की मेरी ये तीसर

ऑक्सीजन बढ़ाने के तीन मूल मंत्र (Three Mantras to Increase Oxygen)

ऑक्सीजन बढ़ाने के तीन मूल मंत्र (Three Mantras to Increase Oxygen)


     हर तरफ सिर्फ एक ही शब्द सुनने को मिल रहा है और वो है, ,ऑक्सीजन। सच में, यह इतनी आवश्यक है कि अगर ऑक्सीजन न मिले, तो हम मिट्टी में मिले

   प्राणवायु है ऑक्सीजन, यह तो सभी को पता है लेकिन इसकी गंभीरता का अंदाजा आज लोगों को पता चल पा रहा है जब कोरोना संकट में लोग ऑक्सीजन को लेकर तरस रहे हैं। कहीं ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर अफरा तफरी मची हुई है तो कहीं बिना ऑक्सीजन के ही आग लगी हुई है।
रोजाना खबरें तो पढ़ने को मिल जाती हैं कि ऑक्सीजन के बिना कितने लोगों की जान चली गई है। अब हालात तो यह है कि प्रतिदिन फोन और मैसेज तो आते ही है जो सिर्फ ऑक्सीजन के इंतजाम के लिए होते है। हम लोग भी जितना हो सके मदद करते हैं और कभी तो चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते सिवाय ऐसे संदेशों को आगे बढ़ाने के। ऐसा ही हाल शायद आप में से बहुत लोगों का भी हो। 

   आज जो हम कर सकते हैं अपने और दूसरों के लिए वो है प्रार्थना लेकिन प्रार्थना के साथ साथ अगर हम कुछ जीवनोपयोगी मंत्र भी अपना लें तो आने वाली स्थिति से लड़ने के लिए भी तैयार भी रहेंगे। और ये तीन मंत्र हैं,,,,

1,  प्रकृति माता से प्रेम (ऑक्सीजन बढ़ाने वाले पौधे)
2, उचित खानपान (ऑक्सीजन बढ़ाने वाले फल एवं सब्जियां)
3, व्यायाम (ऑक्सीजन बढ़ाने वाले योग एवं व्यायाम)

     सबसे आवश्यक है कि हमें अपनी प्रकृति का ध्यान रखना पड़ेगा और जिसके लिए हमें पेड़ पौधों से प्रेम करना होगा। अभी जो हम खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं वो सिर्फ प्रकृति माता की ही देन है। ये पेड़ पौधे और ये हरियाली ही तो है जो हमें ऑक्सीजन दे रहे हैं। मैंने एक लेख में भी कहा था कि आधुनिकता और नवीनीकरण के नाम पर  प्रकृति के साथ छेड़छाड़ बहुत महंगी साबित हो रही है। 

    अभी भी हमारे वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा इतनी है कि हम लोग आसानी से सांस ले पा रहे हैं लेकिन कुछ सालों बाद शायद  हमारा प्राकृतिक तरीके से सांस लेना भी मुश्किल हो जाए। 

   

  ऐसी स्थिति पैदा होने से पहले ही जाग जाना चाहिए। अभी तो सिर्फ मास्क पहनना पड़ रहा है शायद आगे हमें ऑक्सीजन सिलेंडर को भी साथ लेकर चलना पड़े और इसी तरीके का एक वीडियो भी मैंने देखा था जिसे देखने के बाद फिर डर भी लगा था कि आने वाले समय में हमारे बच्चें क्या इस तरह की स्थिति में होंगे?? सच में जब अभी बच्चों के कंधों में बड़े और भारी बैग देखते हैं तो बुरा लगता है। कल्पना करें कि जब बच्चें अपना अपना सिलेंडर भी कंधों में ढो रहे होंगे तो कितना बुरा लगेगा!!

     हालांकि कुछ महानुभाव यह भी तर्क दे सकते हैं कि उस समय तक क्या पता कुछ नई तकनीक से कुछ नए उपकरण या दवाई भी बन जाए जो ऑक्सीजन की कमी को पूरा कर दे लेकिन हमें उस दिन का इंतजार न करके आज अपने हिस्से की कुछ जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहिए। 

   अधिक से अधिक पेड़ लगाकर प्रकृति को बचाया जा सकता है और ज्यादा कुछ नहीं तो कम से कम कुछेक पौधे लगाकर घर में ही हम कुछ ऑक्सीजन तो कमा ही सकते हैं।

ऑक्सीजन बढ़ाने वाले इंडोर प्लांट (घर के अंदर रखे जाने वाले पौधे) Indoor plants to increase Oxygen

तुलसी तो हर घर में ही होती है जो सुबह और रात हर समय ऑक्सीजन देती है। इसके अलावा मनी प्लांट और एलोवेरा भी ऑक्सीजन का एक अच्छा विकल्प है जो घर के अंदर आसानी से उगाया जा सकता है और भी कुछेक पौधे हैं जो घर के अंदर ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाते हैं। 


-स्नेक प्लांट
- ऐरेका पाम
- क्रोटोन प्लांट
- रबड प्लांट
- स्पाइडर प्लांट
- पीस लिली
- चाइनीज एवरग्रीन
- जरबेरा डेजी

शरीर में ऑक्सीजन बढ़ाने वाले खान पान ( Food to increase Oxygen)

  
     वैसे तो ताजी सब्जियां फल और दालें सभी तरीके से हमें स्वस्थ रखती हैं और हमारी रोग प्रतिरोध क्षमता को भी बढ़ाती हैं फिर भी कुछ विशेष प्रकार के खान पान से शरीर के अंदर ऑक्सीजन की मात्रा को संतुलित किया जा सकता है। 

हमारे शरीर में ऑक्सीजन का संचरण रक्त के माध्यम से होता है और रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाने से हमारे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा भी बढ़ जाती है। इसी हीमोग्लोबिन को बढ़ाने का मुख्य स्त्रोत आयरन (लौह तत्व) होता है, अगर खाने में आयरन की मात्रा बढ़ा दी जाए तो शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा भी बढ़ जाएगी लेकिन एक और खास बात है वो यह है कि लौहतत्व के बेहतर अवशोषण के लिए विटामिन सी से भरपूर खाद्य भी खाने चाहिए और विटामिन सी के मुख्य स्त्रोत खट्टे फल ( नींबू, संतरा, आंवला इत्यादि) हैं इसीलिए अपने खान पान में आयरन, विटामिन और  फोलिक एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने से ऑक्सीजन का स्तर संतुलित किया जा सकता है,,जिन्हें हम आसानी से अपनी रसोई में बना सकते हैं। जिनमें शामिल हैं यह फल और सब्जियां...
-हरी पत्तेदार सब्जियां
-बीन्स, दालें
-दूध, दही और पनीर
-अंडा, मीट और मछली
-मशरूम, गाजर, चुकंदर, ब्रोकली
-अंकुरित चना, मूंग
-केला, सेब, अखरोट
-बेरीज (ब्लूबेरीज, क्रैनबेरीज, ब्लैकबेरीज, स्ट्रॉबेरीज)

शरीर में ऑक्सीजन बढ़ाने के लाभदायक व्यायाम ( Exercise and Yoga to increase Oxygen)

    फेफड़ों का कार्य श्वसन के द्वारा शुद्ध ऑक्सीजन को रक्त में पहुंचाना और कार्बन डाइऑक्साइड को शरीर से बाहर करना है। कोरोना संक्रमण में भी सबसे पहले वायरस फेफड़ों को ही नुकसान पहुंचाता है इसीलिए फेफड़ों को स्वस्थ रखना अति आवश्यक है और इसके लिए सबसे पहले तो धुएं से दूर रहना आवश्यक है।

   

जो लोग स्मोकिंग की आदत से मजबूर हैं उन्हें तो खासकर अपने फेफड़ों का ध्यान देना चाहिए और इसके लिए कुछ व्यायाम और योग के साथ ही फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ा सकते हैं जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन का स्तर संतुलित हो सके। इसी से संबंधित व्यायाम हैं,,


डीप ब्रीदिंगः इस एक्सरसाइज को करने के लिए मन को शांत रखकर सांस पर ध्यान देना होता है।

लंबी गहरी सांस ले,लगभग 4से 5 सेकंड जिससे की फेफड़े पूरी क्षमता के साथ भर जाए और अगले इन्हीं सेकंड में सांस छोड़े। प्रतिदिन पांच बार करने से ही फेफड़ों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।


प्रोनिंग पोजिशन : प्रोनिंग एक ऐसी स्थिति है जिसका लाभ   तुरंत ही मिलता है। 

चित्र: गूगल साभार
इसमें पेट के बल लेटकर एक तकिया सीने में और एक पैरों के नीचे रखकर कम से कम आधे घंटे रहना होता है इस अवस्था से फेफड़ों में ब्लड सकुर्लेशन अच्छे से होता है जिससे कि ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है और सांस की तकलीफ से भी थोड़ी राहत मिलती है। कोरोना संक्रमण में आज इस प्रोनिंग पोजिशन से ऑक्सीजन स्तर को बढ़ाने में कारगर माना गया है।


योग: योग के बारे में तो सिद्ध हो चुका है कि यह स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन के लिए लाभकारी है।

श्वसन क्रिया से संबंधित योग द्वारा फेफड़ों को भी स्वस्थ रखा जा सकता है जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा भी अच्छी रहती है जैसे भ्रामरी प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम, अनुलोम विलोम प्राणायाम, प्राणिक श्वसन, काकी मुद्रा इत्यादि । (नोट: अगर कोई भी स्वास्थ्य संबंधित परेशानी हो तो पहले चिकित्सक से परामर्श भी करें और योग का अभ्यास हमेशा किसी योग्य योगगुरु के निरीक्षण में ही करें।)


लाफिंग एंड सिंगिंग एक्सरसाइज:  वैसे तो हंसते मुस्कुराते रहिए जिससे कि सारे गम, सारी चिंताएं सब खत्म हो जायेंगी और इसका सीधा लाभ हमारे स्वास्थ्य में होगा। लाफिंग भी एक प्रकार का व्यायाम ही है जिसमें हम जोर जोर से हंसते हैं जिससे कि रक्त प्रवाह बढ़ता है, कोलेस्ट्रॉल जमाव से भी बचाव होता है। 


    लाफिंग और सिंगिंग एक्सरसाइज से तनाव तो कम होता ही है साथ ही साथ विषैली गैस बाहर निकलती है और ऑक्सीजन का फ्लो भी बेहतर होता है इसलिए हर हाल में गाते मुस्कुराते रहें और अपनी औषधि स्वयं ही तैयार करें क्योंकि...

Laughter is the best medicine...


एक -Naari







Comments

  1. True facts... Really easy way to maintain Oxygen at home

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