सर्दी की धूप
सर्दियों का आगमन हो गया है। गर्म कपड़ों पर धूप भी लग चुकी है और पहनना भी आरंभ हो चुका है और इसके साथ ही धूप के साथ आँख मिचोली भी। अंदर बैठो तो ठंडा और बाहर बैठो तो तेज धूप। ऐसा लगता है सर्दी और गर्मी दोनों मिलकर समझौता कर रहे हैं और हमें आंगन और कमरों के बीच दौड़ा रहे है।
वैसे समय चाहे कुछ भी हो सर्दी की धूप आखिर किसे पसंद नहीं!! लगता है कि बस निठ्ठलों की तरह इस धूप में पसर जाओ और सुस्ती का आनंद लों। वैसे कहते हैं कि रोशनी और धूप हर किसी को रिचार्ज कर देती हैं लेकिन सर्दी की धूप में ऐसा नशा होता है कि अच्छे अच्छे धाराशायी हो जाते हैं क्योंकि धूप सेंकते सेंकते आपकी आँख कब लग जायेंगी इसका पता भी नहीं चलेगा। सच में सर्दियों की गुनगुनी धूप सेंकने का मज़ा कुछ अलग ही है। खासकर कि पहाड़ों की धूप की तो बात ही कुछ और है।
वैसे ये परम सत्य है कि सूरज ऊर्जा का भंडार है और इसकी किरणें धरती पर पड़ते ही सभी को सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है। इसीलिए कड़ाके की सर्दी में सुबह उठते ही कोहरे के डर से संशय बना रहता है कि क्या आज धूप आयेगी और आयेगी तो कब तक रहेगी?? क्योंकि सर्दियों मे दिन की धूप हमारे लिए दवा की एक खुराक जैसी होती है या फिर कहो कि कोई मिल गया के जादू की तरह हमें चार्ज करती है और मन को ऊर्जा से भर जाता है।
कैसी भी ठंड हो लेकिन जैसे ही धूप की किरणें सुबह दस्तक देती हैं तो मन में अपने आप खुशी की गर्माहट आ जाती है। इसी के साथ ही तो दिन का कुछ समय मिलता है जब लगता है कि इस धूप में रसीले फलों का आनंद पिस्यूँ लूण के साथ दुगना कर लो, या फिर रात के हरे साग के लुत्फ़ के लिए सरसों या मेथी का ढे़र साफ करते रहो या अपने साथी पास पड़ोस, घरवालों के साथ कचमोलि के चटकारे लो या फिर विटामिन डी के साथ जमकर तेल मालिश कर लो और इन सबसे बढ़िया तो बाँह फैलाये और पैर पसारे अपनी धुन में चुप चाप सो जाओ। वाह कितना आनंद आता है इस धूप में!!
लेकिन इसका आनंद हर कोई नहीं ले पाता है। क्योंकि कई जगह दिन का पता तो चलता है लेकिन धूप का अता पता नही होता। जगह और समय की परिस्थिति के अनुसार जाने कितने ही लोग सर्दियों की इस धूप का सुख नहीं ले पाते। धूँध, कोहरा, प्रदूषण, बड़ी बड़ी इमारतों के साथ साथ ऑफिस या काम काज और भी जाने क्या क्या परिस्थितियों के साथ उन्हें धूप नहीं धूल मिलती है। ऐसे लोग एक बार यही याद करें कि उन्होंने तसल्ली से सर्दियों की धूप का आनंद कब और कहाँ लिया था?? इसीलिए उन्हें कभी कभी अपनी स्थिति परिस्थिति या स्थान विशेष को कुछ देर छोड़कर सर्दियों की धूप का आनंद लेने चले जाना चाहिए।
वैसे तो देहरादून में हमेशा धूप खिलती ही है लेकिन पर्यावरण पर असर तो धीरे धीरे सभी जगह ही पड़ रहा है और वैसे भी देहरादून भी तो दिल्ली की राह पर है। इसलिए लगता है कि सर्दियों में देहरादून की इतनी चटक और उजली साफ धूप का आनंद अभी ले लो और विटामिन डी भी क्योंकि आगे कहीं धूप की जगह केवल धूल ही मिले।
धूप सेंकने के लाभ:
विटामिन डी के स्त्रोत का मुख्य, मुफ्त और सरल साधन है धूप जो हड्डियों के लिए अति आवश्यक है लेकिन फिर भी हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी समान्यत: बनी रहती है। हड्डियों की मजबूती और जोड़ो के दर्द के लिए भी धूप सेंकने से लाभ मिलते हैं।
धूप सेंकने से प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और ऑटो इम्यून बीमारियों (सोरायसिस जैसी) से भी लड़ने में भी सहायक होती है। फंगल या किसी भी बैक्टीरियल इंफेक्शन में भी धूप सेंकने की सलाह मिलती है।
मानसिक तनाव से राहत और अच्छी नींद के लिए भी धूप सेंकना अच्छा है क्योंकि धूप की किरणों से शरीर में हार्मोन भी स्रावित होते हैं जो हमें शांत रखते हैं, अवसाद से राहत मिलती है। और साथ ही कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी कम होता है और रक्त चाप नियंत्रित रहता है।
नोट: वैज्ञानिक दृष्टि से धूप का लाभ लेने के लिए 15-20 मिनट तक की सुबह की धूप अनुकूल है। पूरे दिनभर की धूप त्वचा और बालों को नुकसान भी पहुँचा सकते हैं इसलिए उचित सन्सक्रीम का प्रयोग करें।
एक -Naari
Yes sunbathe is always relaxing and wonderful in winters...nice piece to read
ReplyDeleteWinters with bright sunshine is always a best therapy for every age group,enjoyed reading.
ReplyDeleteसर्दियों की धूप का मजा ही कुछ और है।
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