प्रतिस्पर्धा की चुनौती या दबाव

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प्रतिस्पर्धा की चुनौती या दबाव    चूंकि अब कई परीक्षाओं का परिणाम आ रहा है तो बच्चों और अभिभावकों में हलचल होना स्वभाविक है। हाल ही में ऐसे ही एक परीक्षा जेईई (Joint Entrance Test/संयुक्त प्रवेश परीक्षा) जो देशभर में सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण इंजिनयरिंग परीक्षा है उसी का परिणाम घोषित हुआ है। इसी परीक्षा की एक खबर पढ़ी थी कि जेईई मेन में 56 बच्चों की 100 पर्सन्टाइल, है...कितने गर्व की बात है न। एक नहीं दो नहीं दस नहीं पूरे 56 बच्चों के अभिभावक फूले नहीं समा रहे होंगे।    56 बच्चों का एक साथ 100 परसेंटाइल लाना उनके परीक्षा में आये 100 अंक नहीं अपितु ये बताता है कि पूरी परीक्षा में बैठे सभी अभ्यार्थियों में से 56 बच्चे सबसे ऊपर हैं। इन 56 बच्चों का प्रदर्शन उन सभी से सौ गुना बेहतर है। अभी कहा जा सकता है कि हमारे देश का बच्चा लाखों में एक नहीं अपितु लाखों में सौ है।    किसी भी असमान्य उपलब्धि का समाज हमेशा से समर्थन करता है और ये सभी बच्चे बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं इसलिए सभी बधाई के पात्र हैं। परसेंटेज जहाँ अंक बताता है वही परसेंटाइल उसकी गुणवत्ता बताता है।

योग दिवस का आरंभ, सूक्ष्म योग से!!



योग दिवस पर करें योग का आरंभ, सूक्ष्म योग से!! 

केवल 15 मिनट योग, शरीर को बल और ऊर्जा देने के लिए!!  (15 minutes Yoga) 
    21 जून का दिन आ रहा है यानी कि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस आ रहा है। यानी कि वर्ष का सबसे लंबा दिन जो हमें प्रेरणा देता है कि दीर्घायु के लिए योग से जुड़े क्योंकि योग के साथ ही हम रोग और शोक (मानसिक दुख) दोनों से लड़ने के लिए स्वयं को तैयार कर सकते हैं। 
  ये तो सभी मानते हैं कि आजकल की जीवन शैली में बिना किसी चिंता या तनाव के रहना मुश्किल है तो क्यों न योग की सकारात्मक ऊर्जा के साथ अपनी स्थिति को बेहतर बनाए। 
  वैसे तो योग बहुत से लोगों ने अपनाया है लेकिन अभी भी बहुत से लोग हैं जो योग सुनते हैं, देखते हैं किंतु करते नहीं हैं। अब कारण चाहे जो भी हो लेकिन यह दिन है नई शुरुआत का। तो आप भी आरंभ करें सूक्ष्म योग क्रिया/सूक्ष्म व्यायाम से। 

सूक्ष्म योग क्रिया व्यायाम क्या है...
  ये भी योगासन का एक भाग है जिसका कार्य शरीर के आंतरिक अव्यवो (internal component) को सूक्ष्मता से संतुलित करना है। ये हमारे शरीर के स्नायुमंडल (नर्वस सिस्टम) और संधियों (जोड़ों) को लचीला बनाता है जिससे शक्ति, स्फूर्ति और मजबूती आती है। योगाभ्यास से पहले सूक्ष्म योग क्रिया करनी चाहिए जिससे कि शरीर, मन, मस्तिष्क के सूक्ष्म अवयव भी जागृत हों। 
 

बिना किसी प्रशिक्षक के भी कर सकते हैं, "प्रभावकारी सूक्ष्म योग"
  योग सभी के लिए है चाहे, बच्चें हो या वृद्ध अर्थात आप चाहे किसी भी आयु वर्ग के हो सूक्ष्म व्यायाम कर सकते हैं। यहाँ तक कि वृद्ध और रोगी भी अपनी क्षमता अनुसार सूक्ष्म योग क्रिया/सूक्ष्म व्यायाम कर सकते हैं। और एक और आवश्यक जानकारी ये है कि योगाभ्यास हमेशा किसी कुशल प्रशिक्षक की देखरेख में ही किया जाना चाहिए किंतु यह सरल योग हैं और इन सूक्ष्म योग को करने के लिए विशेष स्थान या प्रशिक्षक की आवश्यकता नहीं होती है। इसका आरंभ आप स्वयं कर सकते हैं।  सूक्ष्म योग क्रियाएं खाली पेट बैठ कर करना उचित है लेकिन किसी कारणवश नीचे नहीं बैठ सकते तो खड़े होकर या किसी कुर्सी पर बैठ कर भी कर सकते हैं। 

सूक्ष्म व्यायाम के लाभ: (Benefits of Yoga) 
  नाम भले ही सूक्ष्म हो लेकिन सूक्ष्म योग से शरीर और मन मस्तिष्क में बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह वो योग है जो पैर से लेकर सिर तक के सभी अंगों को गतिशील बनाता है। 
- सूक्ष्म योग यह शरीर की शिथिलता दूर करके ऊर्जा का संचार करता है। 
- सूक्ष्म योग क्रिया से शरीर के जोड़ों की जड़ता (स्टीफ्नेस) कम होती है जिससे जोड़ों को बल मिलता है। 
- सूक्ष्म योग से मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है जिससे शरीर की मांसपेशियां लचीली और मजबूत होती हैं। 
- संपूर्ण अस्थितंत्र और स्नायुतंत्र क्रियाशील बनते है जिससे शक्ति और स्फूर्ति बनी रहती है। 
- सूक्ष्म योग का प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर भी पड़ता है। सूक्ष्म व्यायाम से तंत्रिका तंत्र सुचारू रूप से रसायन का स्राव करता है जो हमारे मन मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। 
- स्मरण शक्ति का विकास होता है, एकाग्रता बढ़ती है, शुद्ध विचार आते हैं और साथ ही तनाव कम होता है।    

सूक्ष्म योग कैसे करें
Start your Yoga Step by step 
  
1- योग की चटाई (योगा मैट) पर शांत मन से बैठे। दोनों हाथ को जोड़कर योग की प्रार्थना (गायत्री मंत्र/गणेश मंत्र/महा मृत्युंजय मंत्र/ओम उचारण) करें। श्वास की गति सामान्य रखे। 
2- दंडासान की स्थिति (दोनों पैर मिले हुए सामने की ओर, कमर, गर्दन सीधी, हथेलियां भूमि पर टिकी हुई) में बैठे। 
3- पैर की अंगुली संचालन करें। एडियाँ स्थिर रखते हुए पैर की अंगुली और अंगूठों को एक साथ आगे करें और पीछे की ओर दबाएं। यह किया 8-10 बार दोहराएं। 
4- एडी संचालन के लिए पंजों को एडी समेत आगे और पीछे मोड़े। इसे 8-10 बार दोहराएं। 
5- पंजा संचालन के लिए एड़ी स्थिर रखते हुए दोनों पंजों को एक साथ दाई ओर वृत्ताकार घुमाये फिर बाइं ओर। (क्लॉक एंड एंटी क्लॉक) इसे 8-10 बार दोहराएं। 
6- जानु संचालन (घुटना) के लिए से हाथों की अंगुलियों को आपस में मिलाते हुए बाएँ पैर को घुटने के नीचे जंघा से पकड़े और मोड़ते हुए नितंब के पास लाएं फिर सीधा करें। इस क्रिया को 4-5 बार दोहराने के बाद वृत्ताकार (क्लॉक एंटी क्लॉक) भी 4-5 बार घुमाये। यही क्रिया दाएं पैर के साथ भी दोहराएं। 
7- नितंब संचालन के लिए तितली आसन (बटर फ्लाई पोज) किया जा सकता है। इसमें दोनों पैर को अंदर की ओर मोड़ते हुए तलवों को आपस में मिलाते हैं। हाथों की अंगुलियों को आपस में बांधते (इंटरलॉक) हुए पंजों को पकड़ते हैं। और घुटनों को तितली के पंख की भाँति ऊपर नीचे चलायें। इसे भी कम से कम 10 बार दोहराएं। 
8- कटि (कमर) संचालन के लिए चक्की आसन का अभ्यास करें। पैर सीधे और दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ते हुए (इंटरलोक) पैरों के ऊपर हवा में रखें। अब मुट्ठी को बाएँ से दाएँ वृत्ताकार (क्लॉक) घुमाएं जैसे कि चक्की चलाई जाती है। यह घुमाव इस प्रकार हो कि पैर स्थिर रहे साथ ही कमर और ऊपर का भाग आगे की ओर झुकते हुए हाथों की मुट्ठी पैर की उंगलियों तक पहुँचे और जब जंघा में मुट्ठी आये तो कमर पीछे की ओर झुके। 8-10 बार करने के बाद इसे विपरीत दिशा में भी करें। 
9- हाथ की अंगुली संचालन के लिए दोनों हाथों को सामने की ओर कंधों के समानांतर फैलाकर अंगुलियों को फैलाएं और फिर मुट्ठी बनाएं। एक बार अंगूठा मुट्ठी के अंदर और एक बार मुट्ठी के बाहर की ओर। इसे 8-10 बार दोहराएं। 
10- कलाई के संचालन के लिए दोनों हाथ सामने फैलाकर हाथों की मुट्ठी बना लें। अब कोहनी को बिना मोड़े, कलाई से मुट्ठी को अंदर की ओर मोड़े फिर बाहर की ओर मोड़े। इसे 8-10 बार दोहराएं। 
11- दोनों हाथों को सामने फैलाकर हथेली को आकाश की ओर रखे। कोहनी से मोड़ते हुए कंधों को हथेलियों से छुयें और पुन: स्थिति में वापस आयें। इसे 8-10 बार दोहराएं। 
12- स्कंध (कंधा) संचालन के लिए दोनों हाथों को मोड़कर कन्धे पर रखें। कोहनियाँ कन्धे के समकक्ष सामने रहें। फिर दोनों कोहनियों को आपस में मिलाते हुए छाती के पास लाएं और वृत्ताकार में घुमाते हुए कोहनियों से शून्य का निर्माण करें। इसी योग क्रिया को विपरीत दिशा में भी करें। 
 गर्दन एवं सिर स्थिर रखते हुए दोनों हाथों की कलाई को आपस में पकड़कर सिर के थोड़ा पीछे ऊपर उठाते हैं फिर सांस भरते हुए दायें हाथ से बायें हाथ को दायीं ओर खींचे फिर श्वास छोड़ते हुए हाथों को बीच में लाएं। इसी प्रकार बाएँ ओर भी खिंचाव लाएं। 
13- ग्रीवा (गर्दन) संचालन के लिए गर्दन को धीरे बाएँ से दाऐं और दाएँ से बाएँ घुमाएं। ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर करें। फिर गर्दन को वृत्ताकार (क्लॉक वाइस और एंटी क्लॉक वाइस) घुमाएं। 
14- आँखों के लिए आँख की पुतलियों को धीरे धीरे बाएँ से दाएँ और फिर दाएँ से बाएँ लाएं, फिर उपर नीचे और अंत में वृत्ताकार भी घुमाएं।
15- मस्तिष्क को तनाव (टेंशन) से मुक्त रखने के लिए सामान्य किंतु असरदार योग है जिसके लिए शांत मन के साथ सामान्य गति से श्वास ले और भौहों को ऊपर उठायें जिससे कि माथे में झुर्रियाँ आयें। अब इस स्थिति में 5 सेकंड तक बने रहें।इस सूक्ष्म योग क्रिया को 5-6 बार करें। आँखें बंद करें और शांत मन से गहरी सांस लें। ओम के उच्चारण के साथ सांस छोड़े। तीन बार इस क्रिया को करें। 
 


 बच्चों से लेकर वृद्ध तक कोई न कोई अपनी अपनी तरह से परेशान है लेकिन योग के साथ अपनी स्थिति को बेहतर बनाया जा सकता है इसलिए कब? क्या?कैसे? इन सभी शंकाओं को पीछे छोड़ते हुए जीवन में योग अपनाएं। इस योग दिवस यानी कि 21 जून का आरंभ 15 मिनट में किये जाने वाले इन सूक्ष्म योग से करिए। आपका मन, मस्तिष्क और शरीर स्वस्थ, मजबूत और शांत रहे। 


एक -Naari

Himalayan Yogpeeth- Dehradun
//www.himalayanyogpeeth.com/  





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