शिव पार्वती: एक आदर्श दंपति

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शिव पार्वती: एक आदर्श दंपति  हिंदू धर्म में कृष्ण और राधा का प्रेम सर्वोपरि माना जाता है किंतु शिव पार्वती का स्थान दाम्पत्य में सर्वश्रेठ है। उनका स्थान सभी देवी देवताओं से ऊपर माना गया है। वैसे तो सभी देवी देवता एक समान है किंतु फिर भी पिता का स्थान तो सबसे ऊँचा होता है और भगवान शिव तो परमपिता हैं और माता पार्वती जगत जननी।    यह तो सभी मानते ही हैं कि हम सभी भगवान की संतान है इसलिए हमारे लिए देवी देवताओं का स्थान हमेशा ही पूजनीय और उच्च होता है किंतु अगर व्यवहारिक रूप से देखा जाए तो एक पुत्र के लिए माता और पिता का स्थान उच्च तभी बनता है जब वह अपने माता पिता को एक आदर्श मानता हो। उनके माता पिता के कर्तव्यों से अलग उन दोनों को एक आदर्श पति पत्नी के रूप में भी देखता हो और उनके गुणों का अनुसरण भी करता हो।     भगवान शिव और माता पार्वती हमारे ईष्ट माता पिता इसीलिए हैं क्योंकि हिंदू धर्म में शिव और पार्वती पति पत्नी के रूप में एक आदर्श दंपति हैं। हमारे पौराणिक कथाएं हो या कोई ग्रंथ शिव पार्वती प्रसंग में भगवान में भी एक सामान्य स्त्री पुरुष जैसा व्यवहार भी दिखाई देगा। जैसे शिव

उत्तराखंड पर्यटन: चारधाम यात्री कृपया ध्यान दें...

उत्तराखंड पर्यटन: चारधाम यात्री कृपया ध्यान दें...


   गर्मियों में धूप के कारण घर से बाहर निकलने का बिलकुल भी मन नहीं होता लेकिन जब बात उत्तराखंड जाने की हो तो सोचना क्या क्योंकि यहां की मौसम, पेड़ पौधे, पहाड़, नदियां आपको उत्तराखंड की ओर आकर्षित करती हैं इसीलिए तो उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है लेकिन सच बात तो यह है कि यह उत्तराखंड देवभूमि है जहां प्रकृति के साथ देव दर्शन भी होते हैं इसीलिए देश विदेश से लोग उत्तराखंड घूमने आ रहे हैं।
   उत्तराखंड में यात्रा तो आप कभी भी कर सकते हैं लेकिन हिमालय के चार धाम यात्रा का समय निश्चित होता है। उत्तराखंड में चार धाम यात्रा, गंगोत्री, यमनोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ की यात्रा एक निश्चित अंतराल के लिए ही खुलती है इसलिए चार धाम यात्रा के लिए आप उत्तराखंड में कभी भी नहीं अपितु विशेष समय पर ही जा सकते हैं। जब इन धाम के कपाट खुलेंगे तभी उत्तराखंड के इन पावन धामों की यात्रा की जा सकती है।
   अक्षय तृतीया 3 मई से ही गंगोत्री और यमुनोत्री यात्रा आरंभ हो रही है। केदारनाथ जी के द्वार 6 मई और बद्रीनाथ जी के कपाट 8 मई से खुल रहे हैं। यह यात्रा पिछले दो साल तो कोरोना के कारण बाधित रही लेकिन अब पूरे जोर शोर से खुलने की तैयारी में है। इस यात्रा का आकर्षण ही ऐसा है कि 30 मई तक ही एक लाख से अधिक लोग यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।  

   देश विदेश से लोग अपने जीवन में एक न एक बार इस पावन धाम में आकर अपने को धन्य मानते हैं इसलिए कोने कोने से लोग बद्री केदार के दर्शन के लिए उमड़ते हैं। कोरोना के भेंट चढ़े पिछले दो वर्षों के बाद इस वर्ष अनुमान है कि रिकॉर्ड तोड यात्री इन धामों पर पहुंचेंगे इसलिए कुछ असुविधाएं भी हो सकती हैं। इन्हीं असुविधाओं से बचने और अपनी यात्रा को सुखद बनाने के लिए उत्तराखंड आने वाले यात्री कृपया ध्यान दें...
   
1...यात्रा के लिए पंजीकरण कराएं..
    चारधाम यात्रा को सरल और सुगम बनाने के लिए सबसे पहले पंजीकरण कराना न भूलें। Char dham yatra e pass registration 2022 में अपनी यात्रा का पंजीकरण अवश्य कराएं। 
 devasthanam.uk.gov.in और badrinath -kedarnath.gov.in की साइट पर जाकर अपना चारधाम यात्रा ई पास अवश्य प्राप्त करें।
2...कोरोना गाइडलाइन का पालन करें..
  कोरोना के कारण पहले तो यात्रा के लिए अपना आरटीपीसीआर जांच की  नेगेटिव रिपोर्ट आवश्यक थी  लेकिन अब इसकी अनिवार्यता नहीं है। फिर भी कोविड संबंधित नियम अवश्य पालन करें।
   भले ही कोरोना की गति अभी थोड़ी कम है लेकिन पिछले कुछ दिनों से कुछ जगह फिर से बढ़ रहा है। भले ही वैक्सीन से अब इसके गंभीर परिणाम न दिखें लेकिन समय का कुछ पता नहीं इसलिए कॉविड अनुरूप गाइडलाइन का पालन अवश्य करें। अपनी वैक्सीन की डोज पूरी करें। मास्क सैनिटाइजर का प्रयोग न छोड़े।
3...यात्रा सुनियोजित और सुव्यवस्थित करें..
   अनप्लैन्ड यात्राओं में रोमांच तो होता है लेकिन यहां चारधाम यात्रा को प्लान तरीके से ही करें क्योंकि इन धामों में सुविधाएं सीमित होती हैं इसलिए इन सुविधाओं का लाभ केवल सीमित और व्यवस्थित यात्री ही ले पाते हैं। आने जाने, ठहरने, खाने पीने अब तो सबकी बुकिंग ऑनलाइन हो गई है इसलिए यात्रा कुछ आसान भी हो गई है। विश्वसनीय टूर ऑपरेटर की सहायता से अपनी यात्रा को सुनियोजित करें।
  अव्यवस्थित यात्रा आपको असुविधों से घेर लेती है इसके लिए टूर पैकेज की सहायता से अपनी यात्रा को सुखद बनाया जा सकता है। इसके लिए सरकारी और निजी टूर और ट्रैवलिंग यात्रा पैकेज की सुविधा का लाभ लें। 
  कुमाऊं गढ़वाल मंडल विकास निगम का टूर पैकेज भी GMVN की वेबसाइट gmvnonline.com पर उपलब्ध है जिसमें रजिस्ट्रेशन से लेकर पूरी यात्रा की बुकिंग उपलब्ध है। बिना किसी 
   हवाई यात्रा के लिए IRCTC आईआरसीटीसी के पैकेज "CHAR DHAM YATRA EX-NAGPUR" ले सकते हैं जो 10 से 12 दिनों में बद्रीनाथ, बरकोट, गंगोत्री, गुप्तकाशी, हरिद्वार, जानकी चट्टी, केदारनाथ, सोनप्रयाग, उत्तरकाशी और यमुनोत्री की यात्रा कराएगा। इसके लिए रेलवे की ऑफिशियल वेबसाइट irctctourism.com पर जाकर बुकिंग की जा सकती है। 

  चारधाम यात्रा के लिए सरकार अपना काम करेगी ही लेकिन आप अपनी यात्रा जिम्मेदारी से पूरी करें। चाहे श्रद्धालु हो या कोई पर्यटक हर किसी का मन अब उत्तराखंड के चार धाम यात्रा का साक्षी बनने का है इसलिए अगर आप उत्तराखंड में आना चाहते हैं तो आपका स्वागत है। 
   बस थोड़ी सरकारी और कुछ तैयारी अपने लिए भी अवश्य करें इसीलिए चारधाम यात्री, कृपया ध्यान दें...।

एक -Naari

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