हम आपस में बहनें है।
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हम आपस में बहनें है।
ये लेख है बहनों के आपसी संबंध के लिए और बहन होने के महत्व के लिए (This article is for the mutual relation of sisters and for the importance of being a sister)
बहिन/ बहिना/ बहन चाहे कुछ भी बोलो किंतु इस रिश्ते का मोल किसी भी तरह के शब्दो के मायाजाल से घटाया या बढ़ाया नही जा सकता। बहन चाहे एक ही माता- पिता के खून से हों या फिर रिश्तों से, एक धागा हमेशा बहनों को जोड़े रखता है और वो है प्रेम और स्नेह का। बहनों के मध्य आपसी प्यार और समझ की बैठक कभी हंसी ठिठोली तो कभी कभी बहुत बड़ी सीख भी देती है। कोई भी स्त्री अपने बचपन का स्मरण करती है तो अपनी ही यादों की गहराई में डूबती जाती है और इन यादों की गहराई को किसी भी पैमाने से मापा नही जा सकता।
वैसे तो हर किसी का बचपन शरारत भरा ही होता है लेकिन घर में अगर बहने साथ साथ की हो तो उनका बचपन तो और भी रंगो भरा हो जाता है क्योंकि हर बहन को एक सहेली तो अपने ही घर परिवार में मिल जाती है। कभी आपस में खूब प्यार से रहना, तो कभी खतरनाक गुस्सा हो जाना, मन में आया तो अपनी टाफ़ी चॉकलेट साझा करना नही तो कभी एक छोटे से रोटी के टुकड़े में भी लड़ जाना, ऐसा होता है बहनों का बचपन। अपने खेल खिलौनों का बंटवारा तो पहले ही कर लेती है बहनें, लेकिन एक ही झूले में साथ साथ बैठ कर पींगे भी बढ़ती है, यही बहनें। कभी teacher तो कभी doctor बनती है तो कभी पड़ोस वाली आंटी भी बन जाती है, ये बहनें।
बड़ी बहन के कपड़ो को पहनने की चाह रखना और बाद में उन्ही कपड़ो का मिल भी जाना,,,कितना आनंदित करता है, इसका उत्तर तो एक छोटी बहन ही दे सकती है।उसको तो मानो कोई पुराना ही सही लेकिन किसी राजकुमारी का खजाना मिल गया लगता है । कभी घर- घर खेलते हुए मम्मी पापा बनना तो कभी भूत- भूत खेलते हुए खुद ही डर जाना ऐसा ही होता है बहनों का बचपन।
बहनों का ये साथ सिर्फ बचपन तक ही सीमित नही रहता बल्कि इनका साथ तो समय के साथ साथ और भी गहरा और मजबूत होता जाता है। अब बड़ी बहन तो छोटी की ढ़ाल बन कर रहती है और छोटी बहन भी बड़ी की परछाई बनकर साथ निभाती है। बड़ी बहन का साया माँ के आँचल से कम नही होता, उसकी छवि भी आपको भाई जैसी सुरक्षा का अहसास कराती है। और छोटी बहन की भूमिका तो कभी कभी पिता जैसी सलाहकार तो कभी अपने बच्चे जैसा स्नेह का बोध कराती है। बचपन की ये नटखट बहनें अब एक दूसरे के सुख- दुःख का सहारा बनती हैं। अपनी अपनी गृहस्थी में सभी बहनें चाहे कितनी भी व्यस्त हो जाय लेकिन 'अपनी बहन किस हाल में होगी?' इसका ध्यान हमेशा करेगी। माँ पिता जी की चिंता तो बेटियों को हमेशा ही लगी रहती है लेकिन ये चिंता भी बहनें आपस में साझा करती हुई अपने परिवार में आगे बढ़ती जाती हैं।
सच मानो तो बेटियों के लिए तो बहन का घर भी दूसरा 'माइका' होता है। माँ बाबू जी जैसी चिंता, ख्याल, अपनापन, तीज त्यौहार सब याद रहता है। जब माँ पिता जी ना रहे, भाई भाभी भी साथ ना दे और जिस घर में बचपन गुजारा हो वहां के किवाड़ भी बंद हो जाय तो समझ लेना कि अब बहन का घर ही पीहर के समान है।
कभी कभी ऐसा भी देखा गया है कि यही बहनें जिनका बचपन हँसते-खेलते, लड़ते-झगड़ते, उलझते -समझाते, बनते-बिगाड़ते सब साथ में ही गुजरा है वही समय के साथ साथ इतने आगे बढ़ गई होतीं हैं कि अपने इस रिश्ते को कुछ भुला ही देती हैं या फिर समय ही नही दे पातीं। कारण चाहे जो भी हो, दूरियाँ चाहे जितनी भी हो अनबन चाहे कैसी भी हो, बस एक बार अपने अतीत के सुनहरे बचपन को याद करें और बहनों के इस रिश्तों को खूबसूरती से सहेजे, क्योंकि जब ये साथ हमेशा के लिए छूट जाता है तो, ये माने कि आपकी जिंदगी से एक बहुत बड़ा साथ भी सदा के लिए छूट जाता है। तब ना तो उसका उजला मुँह दिखेगा ना ही उसकी मुस्कान, ना तो बहन के मीठे या कड़वे बोल सुनाई देंगे, ना ही वो आँखे, ही दिखाई देंगी जिसमें कभी प्यार तो कभी गुस्सा दिखता था। ना तो उसके हाथ उठेंगे सहारा देने को और ना ही तब उस बहन के पैर चलेंगे जो तुम्हारे साथ चलने के लिए हमेशा तैयार रहती थी।
इसीलिए इस रिश्ते को यूं ही नही लेना चाहिए, इसको संभालना और सहेजना का काम हमेशा करना चाहिए। दो बहनें आपस में एक दूसरे की सहेली भले ही अब न बन पाएँ लेकिन एक बहन होने का नाता तो जरूर निभाएं, और हमारी आने वाली पीढ़ी को भी इस रिश्ते का मूल्य अवश्य समझाए।
"गुस्सा चाहे जितना हों, प्यार उससे कहीं अधिक है
इस रिश्ते को यूं ही ना ले, हम आपस में बहनें हैं। ।
भला गरीब पैसों से हों, दिल से अमीर हम कहीं अधिक है
ऊंच नीच का भेद ना ले, हम आपस में बहनें हैं।
सगे संबंधी एक ना हों, ये साथ सखी से कहीं अधिक है
इस निर्मल स्नेह का मोल ना ले, हम आपस में बहनें हैं।
इस रिश्ते को यूं ही ना ले, हम आपस में बहनें हैं।।"
एक-Naari
Comments
Sisters are forever friends. It's a bond for life n many a times when we stop our own kids from fighting n arguing with each other we r actually denying them the real joy of childhood that we've all lived. Very well written Reena. Kudos..
ReplyDeleteTrue
ReplyDeleteSisters are friends forever
Communication is must in every relation and ds makes d relation strong too,sisters r best frnds bt ds can only happen when there r no ill feelings in both of them,which generally we find in every relation.
ReplyDeleteBt yess,no one can beat ur sister, and no one can make u more happy other than ur sister...😊😊😊
Sisters are friends forever🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈
ReplyDeleteThis very nice article 👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻😙
ReplyDeleteBeautiful ,atti sunder blog.
ReplyDeleteWow rena bhut sunder or bhut shi likha h👍🏻👏🏻👏🏻beautiful
ReplyDeleteBeautiful ❤️
ReplyDeleteHum aapas mai behne hai🥰🥰🥰✌
ReplyDeleteHeartfelt ....very warm and pure feelings for the most precious sibling...Thanks for writing such wonderful piece of writing ...
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