15 मिनट योग के...सूक्ष्म योग Subtle Yoga for Busy Lives
15 मिनट योग के...सूक्ष्म योग
वर्तमान समय में हम अपनी जीवन शैली को जितनी आरामदायक बना रहे हैं यकीन मानिये उतनी ही चुनौतियाँ हमारे स्वास्थ्य के लिए बन रही है। ऐसे में योग ही ऐसा विकल्प है जो हमें इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है।
आज जब लोग तरह तरह की शारीरिक बिमारियों के साथ साथ किसी न किसी तरह के डर, चिंता या तनाव के शिकार हो रहे हैं तब योग एक ऐसा माध्यम है जो शरीर के साथ साथ मन के विकारों को भी नियंत्रित करता है। ऐसे में अगर हम आज योग से जुड़ते हैं तो हम एक स्वस्थ भविष्य की कामना कर सकते हैं।
योग अपने आप मे एक वृहद विषय है फिर भी आज योग का प्रचलन इतना व्यापक हो गया है कि हर कोई योग के प्रति आकर्षित है लेकिन अधिकांश लोग इसे केवल शारीरिक व्यायाम तक ही सीमित समझते हैं जबकि योग हमें केवल शारीरिक ही नहीं अपितु मानसिक, आध्यात्मिक और बौद्धिक रूप से सशक्त करता है।
आज दौड़ती भागती जिंदगी में जब हम किसी कारण वश योग को समय नहीं दे पाते या अपना ध्यान नहीं दे पाते उस समय सूक्ष्म योग के 15 मिनट से भी हमें लाभ मिल सकता है।
वैसे तो योगाभ्यास हमेशा किसी कुशल प्रशिक्षक की देखरेख में ही किया जाना चाहिए किंतु यह सूक्ष्म योग, सरल योग हैं जिनमें किसी विशेष स्थान या प्रशिक्षक की आवश्यकता नहीं होती है और इसे खड़े होकर या किसी कुर्सी पर बैठ कर भी कर सकते हैं।
सूक्ष्म योग से शरीर, मन, मस्तिष्क के सूक्ष्म अवयव जागृत हो जाते हैं और हमे आगे बढ़ने के लिए तैयार कर देते हैं।
तो आइये एक स्वस्थ जीवन शैली के लिए आरम्भ करते है सूक्ष्म योग से जो शरीर और मन का नियंत्रित संचालन करता है।
सूक्ष्म योग क्या है??
सूक्ष्म योग भी योगासन का एक भाग है जिसका कार्य शरीर के आंतरिक अव्यवो (internal component) को सूक्ष्मता से संतुलित करना है। ये हमारे शरीर के स्नायुमंडल (नर्वस सिस्टम), मांसपेशियों और संधियों (जोड़ों) को लचीला बनाता है जिससे नियमित रक्त संचार बना रहे और शरीर की कोशिकाएं ऊर्जवान बने। इससे शरीर में शक्ति, स्फूर्ति और मजबूती तो आती है साथ में मन भी शांत होता है।
योग का आरम्भ/ सूक्ष्म योग कैसे करें??
1- शांत मन से बैठे और श्वास की गति सामान्य रखे।
2- दंडासान की स्थिति (दोनों पैर मिले हुए सामने की ओर, कमर, गर्दन सीधी, हथेलियां भूमि पर टिकी हुई) में बैठे।
3- पैर की अंगुली संचालन करें। एडियाँ स्थिर रखते हुए पैर की अंगुली और अंगूठों को एक साथ आगे करें और पीछे की ओर दबाएं। यह किया 8-10 बार दोहराएं।
4- एडी संचालन के लिए पंजों को एडी समेत आगे और पीछे मोड़े। इसे 8-10 बार दोहराएं।
5- पंजा संचालन के लिए एड़ी स्थिर रखते हुए दोनों पंजों को एक साथ दाई ओर वृत्ताकार घुमाये फिर बाइं ओर। (क्लॉक एंड एंटी क्लॉक) इसे 8-10 बार दोहराएं।
6- जानु संचालन (घुटना) के लिए से हाथों की अंगुलियों को आपस में मिलाते हुए बाएँ पैर को घुटने के नीचे जंघा से पकड़े और मोड़ते हुए नितंब के पास लाएं फिर सीधा करें। इस क्रिया को 4-5 बार दोहराने के बाद वृत्ताकार (क्लॉक एंटी क्लॉक) भी 4-5 बार घुमाये। यही क्रिया दाएं पैर के साथ भी दोहराएं।
7- नितंब संचालन के लिए तितली आसन (बटर फ्लाई पोज) किया जा सकता है। इसमें दोनों पैर को अंदर की ओर मोड़ते हुए तलवों को आपस में मिलाते हैं। हाथों की अंगुलियों को आपस में बांधते (इंटरलॉक) हुए पंजों को पकड़ते हैं। और घुटनों को तितली के पंख की भाँति ऊपर नीचे चलायें। इसे भी कम से कम 10 बार दोहराएं।
8- कटि (कमर) संचालन के लिए चक्की आसन का अभ्यास करें। पैर सीधे और दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ते हुए (इंटरलोक) पैरों के ऊपर हवा में रखें। अब मुट्ठी को बाएँ से दाएँ वृत्ताकार (क्लॉक) घुमाएं जैसे कि चक्की चलाई जाती है। 8-10 बार करने के बाद इसे विपरीत दिशा में भी करें।
9- हाथ की अंगुली संचालन के लिए दोनों हाथों को सामने की ओर कंधों के समानांतर फैलाकर अंगुलियों को फैलाएं और फिर मुट्ठी बनाएं। एक बार अंगूठा मुट्ठी के अंदर और एक बार मुट्ठी के बाहर की ओर। इसे 8-10 बार दोहराएं।
10- कलाई के संचालन के लिए दोनों हाथ सामने फैलाकर हाथों की मुट्ठी बना लें। अब कोहनी को बिना मोड़े, कलाई से मुट्ठी को अंदर की ओर मोड़े फिर बाहर की ओर मोड़े। इसे 8-10 बार दोहराएं।
11- दोनों हाथों को सामने फैलाकर हथेली को आकाश की ओर रखे। कोहनी से मोड़ते हुए कंधों को हथेलियों से छुयें और पुन: स्थिति में वापस आयें। इसे 8-10 बार दोहराएं।
12- स्कंध (कंधा) संचालन के लिए दोनों हाथों को मोड़कर कन्धे पर रखें। कोहनियाँ कन्धे के समकक्ष सामने रहें। फिर दोनों कोहनियों को आपस में मिलाते हुए छाती के पास लाएं और वृत्ताकार में घुमाते हुए कोहनियों से शून्य का निर्माण करें। इसी योग क्रिया को विपरीत दिशा में भी करें।
गर्दन एवं सिर स्थिर रखते हुए दोनों हाथों की कलाई को आपस में पकड़कर सिर के थोड़ा पीछे ऊपर उठाते हैं फिर सांस भरते हुए दायें हाथ से बायें हाथ को दायीं ओर खींचे फिर श्वास छोड़ते हुए हाथों को बीच में लाएं। इसी प्रकार बाएँ ओर भी खिंचाव लाएं।
13- ग्रीवा (गर्दन) संचालन के लिए गर्दन को धीरे बाएँ से दाऐं और दाएँ से बाएँ घुमाएं। ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर करें। फिर गर्दन को वृत्ताकार (क्लॉक वाइस और एंटी क्लॉक वाइस) घुमाएं।
14- आँखों के लिए आँख की पुतलियों को धीरे धीरे बाएँ से दाएँ और फिर दाएँ से बाएँ लाएं, फिर उपर नीचे और अंत में वृत्ताकार भी घुमाएं।
15- मस्तिष्क को तनाव (टेंशन) से मुक्त रखने के लिए सामान्य किंतु असरदार योग है जिसके लिए शांत मन के साथ सामान्य गति से श्वास ले और भौहों को ऊपर उठायें जिससे कि माथे में झुर्रियाँ आयें। अब इस स्थिति में 5 सेकंड तक बने रहें।इस सूक्ष्म योग क्रिया को 5-6 बार करें। आँखें बंद करें और शांत मन से गहरी सांस लें। ओम के उच्चारण के साथ सांस छोड़े। तीन बार इस क्रिया को करें। प्रणायम के साथ तनाव मुक्त, अनिद्रा और अन्य मानसिक विकारों को दूर करे।
आज योग एक ऐसा प्रचलित शब्द है जिससे कोई भी अछूता नहीं है। बच्चे हो या वृद्ध, पुरुष या महिला आज सभी योग से जुड़े हैं। लिंग भेद, जाति, ऊंच नीच से परे योग हमें केवल समाज कल्याण की भावना का संदेश देता है इसीलिए आज भारत ही नहीं विदेशों में भी 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। जिसक थीम भी "एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग (Yoga for one earth one health)" है जिसमें हम योग के माध्यम से सम्पूर्ण पृथ्वी के उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हैं।
"करो योग, रहो निरोग"
एक- Naari
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