थोड़ा कुमाऊँ घूम आते हैं...भाग-2

Image
थोड़ा कुमाऊँ घूम आते हैं...भाग- 2   पिछले लेख में हम हरिद्वार स्थित चंडी देवी के दर्शन करके आगे बढ़ रहे थे यानी कि उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल से अब कुमाऊँ मंडल की सीमाओं में प्रवेश कर रहे थे बता दें कि उत्तराखंड के इस एक मंडल को दूसरे से जोड़ने के लिए बीच में उत्तर प्रदेश की सीमाओं को भी छूना पड़ता है इसलिए आपको अपने आप बोली भाषा या भूगोल या वातावरण की विविधताओं का ज्ञान होता रहेगा।     कुमाऊँ में अल्मोडा, नैनीताल, रानीखेत, मुक्तेश्वर, काशीपुर, रुद्रपुर, पिथौरागढ, पंत नगर, हल्दवानी जैसे बहुत से प्रसिद्ध स्थान हैं लेकिन इस बार हम केवल नैनीताल नगर और नैनीताल जिले में स्थित बाबा नीम करौली के दर्शन करेंगे और साथ ही जिम कार्बेट की सफ़ारी का अनुभव लेंगे।   225 किलोमीटर का सफर हमें लगभग पांच से साढ़े पांच घंटों में पूरा करना था जिसमें दो बच्चों के साथ दो ब्रेक लेने ही थे। अब जैसे जैसे हम आगे बढ़ रहे थे वैसे वैसे बच्चे भी अपनी आपसी खींचतान में थोड़ा ढ़ीले पड़ रहे थे। इसलिए बच्चों की खींचतान से राहत मिलते ही कभी कभी मैं पुरानी यादों के सफर में भी घूम रही थी।     कुमाऊँ की मेरी ये तीसर

Happy Independence Day

15 अगस्त: आजादी का अमृत महोत्सव 
जरा याद करो कुर्बानी.... 


आज याद आया दिन कुर्बानी का
गांधी पटेल बलिदानी का
आज़ाद भगत वीर सैनानी का
झांसी वाली मर्दानी का 

आज याद आया दिन कुर्बानी का... 

वो वक़्त था जंग ए आज़ादी का
खुदी बोस की जवानी का
नेता जी हिंदुस्तानी का
बिस्मिल, अशफ़ाक़ की कहानी का

आज याद आया दिन कुर्बानी का... 

एक प्रतिज्ञा तुम भी कर लो
सर न झुके कभी हिंदुस्तान का
कोई गरीब भूखा न सोए
न बहे लहू किसी इंसान का
बिगुल बजा दो दुनिया में अब
वक्त नहीं किसी मेहरबानी का

आज याद आया दिन कुर्बानी का... 

नई खोज से बनो केसरी
प्रेम का ओढ़ो सफेदा
धरती का सीना सींचो
आज देश बनाओ हरियाली का
पढ़ो लिखो, चाहे खेलो कूदो
पहले तिलक करो इस माटी का 
फिर करो नमन अपनी माँ भवानी का

आज याद आया दिन कुर्बानी का... 

गांधी पटेल बलिदानी का
आज़ाद भगत वीर सैनानी का
झांसी वाली मर्दानी का 
आज याद आया दिन कुर्बानी का.... 
एक -Naari

Comments

Popular posts from this blog

उत्तराखंडी अनाज.....झंगोरा (Jhangora: Indian Barnyard Millet)

उत्तराखंड का मंडुआ/ कोदा/ क्वादु/ चुन

मेरे ब्रदर की दुल्हन (गढ़वाली विवाह के रीति रिवाज)