दिवाली: मन के दीप

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दिवाली: मन के दीप   दिवाली एक ऐसा उत्सव है जब घर ही क्या हर गली मोहल्ले का कोना कोना जगमगा रहा होता है। ऐसा लगता है कि पूरा शहर ही रोशनी में डूबा हुआ है। लड़ियों की जगमगाहट हो या दीपों की टिमटिमाहट हर एक जगह सुंदर दिखाई देती है और हो भी क्यों न! जब त्यौहार ही रोशनी का है तो अंधेरे का क्या काम।         असल में दिवाली की सुंदरता तो हमारे मन की खुशियों से है क्योंकि रोशनी की ये किरणें केवल बाहर ही नहीं अपितु मन के कोने कोने में पहुंच कर मन के अंधेरों को दूर कर रही होती है। तभी तो दिवाली के दीपक मन के दीप होते हैं जो त्यौहार के आने पर स्वयं ही जल उठते है। दिवाली का समय ही ऐसा होता है कि जहां हम केवल दिवाली की तैयारी के लिए उत्सुक रहते है। यह तो त्योहारों का एक गुच्छा है जिसका आरंभ धनतेरस पर्व से होकर भाई दूज तक चलता है। ऐसे में हर दिन एक नई उमंग के साथ दिवाली के दीप जलते हैं।     ये दीपक नकारात्मकताओं को दूर कर हमें एक ऐसी राह दिखा रहे होते हैं जो सकारात्मकताओं से भरा हुआ होता है, जहां हम आशा और विश्वास की लौ जलाते हैं कि आने व...

सर्दियों में रखें सेहत का खास ख्याल!! (Healthcare in winters)

सर्दियों में रखें सेहत का खास ख्याल!!
   सर्दियों के मौसम का अपना अलग आनंद होता है। जहां हम तरह तरह के मौसमी फल और सब्जियों का आनंद लेते हैं वहीं सर्दियों की धूप अलग ही गर्माहट देती है। साथ ही सर्दियों में परिवार और दोस्तों के साथ तो घूमने का अपना अलग ही मजा होता है लेकिन इस मौसम के साथ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी थोड़ी बढ़ जाती है। सर्दी जुकाम, जकड़न या गले में खराश तो आम है लेकिन साथ ही अन्य रोग भी पैर पसारने लगते हैं इसलिए जाड़ों में मस्ती मजा के साथ उचित खान पान और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से सर्दियों का आनंद दुगुना करें।
- सर्दियां हैं तो खूब गाजर, टमाटर, पालक, मेथी, सरसों, नींबू अमरूद, पपीता और मेवा जैसी चीजें खाने में शामिल करें। मौसमी फल सब्जियां हमेशा शरीर को तंदुरुस्त बनाए रखती हैं। गाजर टमाटर चुकंदर का रस या सूप केवल सेहत ही नहीं सौंदर्य में भी चार चांद लगाता है।
- सर्दियों में अमूमन आलस्य के कारण लोग अपनी कसरत या व्यायाम पर रोक लगा देते हैं जबकि इस मौसम में शरीर के अंगों को व्यायाम की आवश्यकता अधिक रहती है। काम से कम आधा घंटा व्यायाम नियमित रूप से करें लेकिन फ्लू होने पर अधिक व्यायाम न करें। हृदय रोगी या रक्तचाप रोगी सूर्योदय के बाद ही सैर पर जाएं।
- चाहे बच्चे हों या वृद्ध, रक्तचाप रोगी हों या मधुमेह से पीड़ित सर्दी से हमेशा बचें। बाहर निकलते समय सिर, कान और पैर हमेशा ढकें क्योंकि इन्ही हिस्सों से शरीर में ठंड जाती है। 
- घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। ठंड से सुन्न हुए अंगों को गुनगुने पानी में डुबाएं फिर अच्छे से मालिश कर ऊनी कपड़ा लपेटे इससे गर्माहट बनी रहेगी और रक्त संचार बना रहेगा।
-गले का दर्द, खराश से बचने के लिए ठंडे पेय के स्थान पर गर्म सूप, चाय, कॉफी और गर्म पानी का सेवन करें।
- गले के किसी भी संक्रमण में नमक हल्दी के गरारे भी लाभकारी होते हैं। एक गिलास गुनगुने पानी में आधा छोटा चम्मच नमक और चुटकी भर हल्दी मिलाकर गरारे करने से गले में आराम मिलता है।
- सर्दियों में प्राकृतिक रूप से विटामिन डी लें। सूरज की धूप विटामिन डी का अच्छा स्रोत है जो हड्डियों की मजबूती में लाभप्रद होता है। सर्दियों में सुबह की धूप अवश्य लें।
- संक्रमण से बचे और दूसरों को भी बचाएं। अपनी रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाएं और साफ सफाई का विशेष ध्यान दें। खांसते या छींकते समय रूमाल का प्रयोग अवश्य करें। 


एक- Naari




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