शिव पार्वती: एक आदर्श दंपति

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शिव पार्वती: एक आदर्श दंपति  हिंदू धर्म में कृष्ण और राधा का प्रेम सर्वोपरि माना जाता है किंतु शिव पार्वती का स्थान दाम्पत्य में सर्वश्रेठ है। उनका स्थान सभी देवी देवताओं से ऊपर माना गया है। वैसे तो सभी देवी देवता एक समान है किंतु फिर भी पिता का स्थान तो सबसे ऊँचा होता है और भगवान शिव तो परमपिता हैं और माता पार्वती जगत जननी।    यह तो सभी मानते ही हैं कि हम सभी भगवान की संतान है इसलिए हमारे लिए देवी देवताओं का स्थान हमेशा ही पूजनीय और उच्च होता है किंतु अगर व्यवहारिक रूप से देखा जाए तो एक पुत्र के लिए माता और पिता का स्थान उच्च तभी बनता है जब वह अपने माता पिता को एक आदर्श मानता हो। उनके माता पिता के कर्तव्यों से अलग उन दोनों को एक आदर्श पति पत्नी के रूप में भी देखता हो और उनके गुणों का अनुसरण भी करता हो।     भगवान शिव और माता पार्वती हमारे ईष्ट माता पिता इसीलिए हैं क्योंकि हिंदू धर्म में शिव और पार्वती पति पत्नी के रूप में एक आदर्श दंपति हैं। हमारे पौराणिक कथाएं हो या कोई ग्रंथ शिव पार्वती प्रसंग में भगवान में भी एक सामान्य स्त्री पुरुष जैसा व्यवहार भी दिखाई देगा। जैसे शिव

मानसून में बालों की देखभाल Hair care in monsoon

मानसून में बालों की देखभाल Hair care in monsoon


    बरसात आने का मतलब है, प्रेम, खुशी, ढेर सारी मस्ती,  चटपटे व्यंजन और गीत मल्हार। इस मौसम में चारों तरफ हरियाली होती है और प्रकृति को ऐसे देखकर आंखों को सुकून मिलता है और दिल भी गुनगुनाने लगता है।इस मौसम की प्रतीक्षा तो हर कोई करता है चाहे पेड़-पौधे हों, पशु-पक्षी हों या फिर इंसान। 

    मई जून की तपती गर्मी से अब जुलाई की बारिश से राहत मिल पाएगी लेकिन लेकिन साथ ही उमस, पसीना, नमी वाली गर्मी से भी कई बार सामना हो रहा है। इन ऋतुओं के बदलाव के समय हमारे शरीर पर भी तरह तरह के प्रभाव पड़ते हैं चूंकि बरसात में कई बैक्टीरिया, वायरस, फंगस जैसे माइक्रोब्स बारिश की नमी के कारण सक्रिय रहते हैं इसलिए तो बरसात के समय संक्रमण का खतरा भी अधिक होता है।

  इन सबके बीच एक समस्या और भी बनी रहती जो बहुत ही सामान्य है और वह है, बालों की इसीलिए मानसून में उचित खानपान के साथ उचित देखभाल भी जरूरी हो जाती है। फिर चाहे शरीर की देखभाल हो या बालों की।

    आजकल मैं भी बालों की समस्या से जूझ रहीं हूं। वैसे तो मेरे बालों की प्रकृति शुष्क और बाल बनावट में कुदरती घुंघराले हैं लेकिन इन दिनों बाल और भी अधिक शुष्क और भंगुर (brittle, नाजुक)हो गए हैं और साथ में रूसी से सिर में खारिश और रूखापन लगातार बना हुआ है।बाल धोते समय गिर रहे हैं, कंघी करते हुए झड़ रहे हैं यहां तक कि बालों को छूने से भी ये टूट रहे हैं। 


    सच में एक साथ इतने सारे बालों का गिरते हुए देखना मेरे लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है। इसीलिए आज का लेख जितना उपयोगी आपके लिए सिद्ध हो सकता है उतना ही महत्वपूर्ण मेरे लिए भी है।

    

रूसी/ डैंड्रफ क्या है? What is Dandruff

    बरसात के समय में हमारे बाल सामान्य दिनों की अपेक्षा अधिक झड़ते हैं और साथ ही रूखे और भंगुर भी रहते हैं। इन दिनों में बालों की एक और समस्या भी होती है जो रूसी, डैंड्रफ की है।


 इससे सिर में खुजली और कई बार जलन भी होने लगती है। कुछ लोगों में तो यह समस्या इतनी बढ़ जाती है कि गहरे रंग के कपड़े पहनना भी दुभर हो जाता है क्योंकि रूसी की सूखी परतें झड़कर कपड़ों पर गिरने लगती है। सामान्य सी लगने वाली ये रूसी आखिर क्या है??
   खोपड़ी की त्वचा पर सफेद या पीली परत रूसी (dandruff)है। रूसी भी एक कवक संक्रमण (fungus infection) है लेकिन यह इन्फेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे पर नहीं फैलता है। यह सिर की त्वचा की मृत कोशिकाएं हैं जो पपड़ी की तरह होती हैं और सूखकर झड़ती रहती हैं। बालों में रूसी मालासेजिया (Malassezia) नाम का खमीर (yeast) है जो खोपड़ी (skull) की त्वचा पर गुच्छों में फैलता है। 


   रूसी बहुत आम समस्या है जो विश्व के लगभग आधे प्रतिशत व्यस्कों को है जिनमें से अधिकतर पुरुष हैं। ये सिर की त्वचा की मृत कोशिकाएं हैं जो गिरती रहती हैं। कम मात्रा में मृत त्वचा का झड़ना आम है किंतु अधिक मात्रा में झड़ना बालों के लिए हानिकारक होता है।
  

डैंड्रफ क्यों होती है? Why does dandruff occur?

    


     शरीर में कोशिकाओं के बनने का क्रम लगातार चलता रहता है। ठीक इसी प्रकार सिर/कपाल  की त्वचा में भी कोशिकाएं बनती हैं।

     सिर की मृत त्वचा या उससे जो तेल (sebum) निकलता है उसे यही मालासेज़िया ग्लोबोसा नामक खमीर अपना आहार बनाता है और हमारा शरीर तेल के इसप्रकार टूटने के क्रम को एक हानि की तरह लेता है और फिर खोपड़ी की त्वचा का नवीनीकरण तेजी से करने लगता है जिससे सिर में रूसी हो जाती है। 

  एक रिपोर्ट के अनुसार जो लोग रूसी से परेशान है, उनके लिए नई त्वचा कोशिकाओं को परिपक्व होने और झड़ने में केवल दो से सात दिनों का समय होता है  जबकि बिना डैंड्रफ वाले लोगों के लिए, खोपड़ी की त्वचा की इस प्रक्रिया में पूरा एक महीना लगता है।


    हमारे सिर का एक अलग ही इकोसिस्टम है वहां भी अगर कुछ गड़बड़ होती है तो सिर का पारिस्थितिकी तंत्र भी बिगड़ता है और फिर तरह तरह के संक्रमण होता है। बरसात के मौसम में भी गर्मी और नमी के कारण अत्यधिक पसीना आता है जिससे मलासेजिया यीस्ट बढ़ जाता है और इसी से बरसात में रूसी की समस्या भी बढ़ जाती है। हालांकि देखा गया है कि तैलीय त्वचा वाले लोगों को रूसी होने का खतरा रूखी त्वचा वालों से अधिक होता है। 

   लेकिन यह माने कि जैसे ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है तो माइक्रोब्स शरीर पर हमला करने लगते हैं। विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी या हार्मोन्स के असंतुलन या फिर तनाव के कारण भी त्वचा रूखी हो जाती है और सिर पर पपड़ी जमने लगती है और जो बालों में स्नो फ्लेक्स (रूसी)के रूप में दिखती है।

बरसात में रूसी से कैसे बचे? Protection from dandruff in rainy season

  सबसे पहले तो यह जान लें कि फंगस का संक्रमण भी तभी होता है जब उसके पनपने का वातावरण उसे मिलता है और यह भी माने कि रूसी का कोई स्थायी समाधान (permanent solution) या सत्यापित इलाज नही है लेकिन हां, इसके लक्षणों को रोककर इसपर थोड़ा नियंत्रण किया जा सकता है।


1- अपना सिर साफ रखें जिससे कि धूल मिट्टी प्रदूषण से बचा जा सके क्योंकि ये माइक्रोब्स को आकर्षित करते हैं लेकिन अत्यधिक शैंपू से भी बचे क्योंकि शैंपू भी एक प्रकार का डिटर्जेंट ही है जो बालों की प्राकृतिक तेल को हटा कर रूखे करता है। सप्ताह में दो बार बालों को किसी सौम्य या हर्बल शैंपू से धोएं। अगर रूसी की परेशानी हो तो बालों को धोने के लिए ऐसे शैंपू प्रयोग करें जिनमें कटेकोनाजोल, सेलेनियम सल्फाइड या जिंक तत्व हो।
2-  गीले बाल कभी न बांधे, सिर को हमेशा सूखा रखें जिससे कि फंगस को बढ़ने का मौका न दिया जाए। मानसून की आद्रता और नमी से तेल और पसीने का स्त्राव होता है जो कवक (फंगस) या बैक्टीरिया की वृद्धि के लिए अनुकूल होता है जिससे डैंड्रफ और अन्य समस्या बढ़ जाती है इसलिए बालो को प्राकृतिक तरीके से सुखाएं और हमेशा सुखाकर ही बांधे।

3- बारिश के पानी से बचे, और अगर बाल बारिश में भीगें हो तो तुरंत साफ पानी से धोएं फिर बालों को अच्छे से सूखाएं क्योंकि बरसात का पानी संक्रमण को न्योता देता है।
4- बालों को अच्छे से कंघी करें, इससे स्कैल्प का रक्त संचरण अच्छे से होगा और डैंड्रफ से भी थोड़ी राहत मिलेगी साथ ही बालों में वृद्धि भी होगी। इसके लिए मोटे दांत वाली कंघी का प्रयोग करें और हो सके तो लकड़ी की कंघी  को उपयोग में लाएं इससे बाल कम टूटेंगे।
5- बरसात में बालों को रसायनों से बचाएं, बालों के लिए तरह तरह के उपकरण और उत्पादों से बचें क्योंकि ये रसायन बालों की प्रकृति के लिए अच्छे नहीं होते और इनसे प्रयोग से बचकर रूसी को रोकने में सहायता मिल सकती है।
6- संतुलित खानपान रखें, स्वस्थ रहने की पूरी कुंजी ही संतुलित आहार है ठीक इसी तरह से बालों को स्वस्थ रखने के लिए भी संतुलित खानपान आवश्यक है। अपने आहार में ओमेगा 3 (सूखे मेवों, स्प्राउट्स, टोफू, गोभी,ब्रोकली, शलजम, हरी पत्तेदार सब्जियों और बैरी)का सेवन बढ़ाने से रूसी पर नियंत्रण किया जा सकता है। खाने में शर्करा की मात्रा कम और एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर आहार अधिक लें। बरसात में बाहर का तला भुना मसालेदार जंक फूड खाने से बचें।


7- खूब पानी पीएं, लगभग 8 से 10 गिलास और तनाव से दूर रहें।
8. सूरज की संक्षिप्त धूप से यीस्ट की वृद्धि में रोक लगती है लेकिन सूरज की किरणों के अत्यधिक संपर्क से बचें और बारिश के पानी से भी सिर को बचाएं।
9. अन्य का कंघी या तौलिया का प्रयोग न करें।
10. त्वचा विशेषज्ञ (Dermatologist) से तुरंत परामर्श करें, अगर बालों में अत्यधिक रूसी के कारण, सिर पर खुजली, दाने, जलन से संक्रमण बढ़ गया हो।

रूसी से बचाव के घरेलू उपाय  Home remedies for Dandruff 

रूसी की समस्या आम है लेकिन इसे हल्के में भी न लें इसके कारण सिर में खुजली जलन तो होती ही है लेकिन इसके बढ़ने पर कई बार गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ते हैं। इसलिए रूसी के नियंत्रण के लिए थोड़ी सावधानी और घरेलू उपाय कारगर सिद्ध होते हैं और इन्हें घर पर आसानी से किया जा सकता है,,

1. नारियल, बादाम या जैतून किसी के भी गुनगुने तेल में नींबू के रस मिलाकर सिर की मालिश करें और एक घंटे के बाद सौम्य शैंपू से बाल धो लें। ध्यान रखें कि नाखून से मालिश न की जाए।
2. नीम के पत्तो को पीसकर सिर पर लगाएं, एक घंटे के बाद गुनगुने पानी से सिर साफ करें। नीम तेल, टी ट्री तेल, रोजमेरी तेल मिलाकर भी सिर की हल्की मालिश करें। नीम की एंटीबैक्टीरियल खूबी से किसी भी प्रकार का संक्रमण दूर होता है।
3. आधा कप दही, दो चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच  शहद को मिलाकर बालों की जड़ों पर लगाएं और धीरे धीरे सिर की मालिश करें। एक घंटे के बाद गर्म पानी से सिर धो लें। रूसी से छुटकारा तो मिलेगा ही साथ ही बाल भी रेशमी और चमकदार होंगे।
4.  2 बड़े चम्मच मेथी दाना को रात में भिगो दें और सुबह पानी से छानकर गुड़हल के दो या तीन फूलों के भी पीसकर बालों की जड़ों में लगाएं। बचे पानी से बालों को धोने में प्रयोग करें। बालों की किसी भी समस्या के निदान के लिए बहुत अच्छा विकल्प है।
5. प्याज पीसकर उसमें नींबू रस मिलाएं। इस लेप को बालों की जड़ों में एक घंटे तक लगाएं रखें फिर धीरे धीरे जड़ों की मसाज करें और बाल गर्म पानी से धो लें।
5. उल्टी कंघी (back combing) करने से भी रूसी से राहत मिल सकती है। दिन में तीन चार बार सिर पर उंगलियों के पोरों से हल्का दबाव के साथ सूखी मालिश(without oil) करने से भी लाभ मिलता है।
6.  योगासनों को दैनिक जीवन में अपनाकर भी रूसी को नियंत्रण में किया जा सकता है। चक्रासन, अधोमुख श्वानासन और सर्वांगासन  कुछेक ऐसे योगासन हैं जिनसे सिर और चेहरे पर रक्त परिसंचरण अच्छे से होता है जिसका सीधा प्रभाव बालों पर पड़ता है।


     चिंता न करें, बारिश का खूब आनंद भी ले और साथ में रूसी का निदान भी करें।

  "Stay Happy with Happy Hairs"


एक- Naari
  
  

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