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Showing posts from June, 2025

शांत से विकराल होते पहाड़...

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शांत से विकराल होते पहाड़...   क्या हो गया है पहाड़ में?? शांत और स्थिरता के साथ खड़े पहाड़ों में इतनी उथल पुथल हो रही है कि लगता है पहाड़ दरक कर बस अब मैदान के साथ में समाने वाला है। क्या जम्मू, क्या उत्तराखंड और क्या हिमाचल! दोनों जगह एक सा हाल! कभी बादल फटने से तो कभी नदी के रौद्र् रूप ने तो कभी चट्टानों के टूटने या भू धंसाव से ऐसी तबाही हो रही है जिसे देखकर सभी का मन विचलित हो गया है। प्रकृति के विनाशकारी स्वरुप को देख कर मन भय और आतंक से भर गया है। इन्हें केवल आपदाओं के रूप में स्वीकार करना गलती है। असल में ये चेतावनी है और प्रकृति की इन चेतावनियों को समझना और स्वयं को संभालना दोनों जरूरी है।     ऐसा विकराल रूप देखकर सब जगह हाहाकार मच गया है कि कोई इसे कुदरत का कहर तो कोई प्रकृति का प्रलय तो कोई दैवीए आपदा कह रहा है लेकिन जिस तेजी के साथ ये घटनाएं बढ़ रही है उससे तो यह भली भांति समझा जा सकता है कि यह प्राकृतिक नहीं मानव निर्मित आपदाएं हैं जो प्राकृतिक रूप से बरस पड़ी हैं।    और यह कोई नई बात नहीं है बहुत पहले से कितने भू वैज्ञानिक, पर्यावरणविद और ...

Rainy Season: Enjoy the greenery, but stay safe बरसात: हरियाली के साथ सावधानी भी

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    बरसात: हरियाली के साथ सावधानी भी   तपती धरती पर जब बारिश की बूँदे गिरती है तभी से आशा बंध जाती है कि अब गर्मीं से राहत मिल जाएगी। रूखा सूखा मन इन बूंदों की खुशबू से ही भीग जाता है। सच में, ये बरसात ही कुछ ऐसी होती है जो केवल धरती ही नहीं अपितु हमारे मन को भी हरियाली से भर देती है। इसीलिए पेड़ पौधे, पशु पक्षी, मनुष्य सभी बरसात में खिले खिले लगते हैं।     अब इस मौसम में जहाँ हमें गर्मी और निराशा से निजात मिलती है वही साथ में अपने स्वास्थ्य के लिए भी लिए कई  चुनौतियाँ मिलती है क्योंकि ये बारिश पेड़ पौधे, पशु पक्षी सभी के लिए एक टॉनिक की तरह काम करती है इसीलिए इसमें केवल ये ही नहीं अपितु सूक्ष्म से सूक्ष्म जीव भी खूब फलते फूलते है। जिस कारण से बैक्टियरिया, वायरस, फंगस आदि के कारण कई रोग फैलते हैं।  बरसात में होने वाले रोग  वायु मे नमी, आद्रता के कारण रोगाणुओं को एक ऐसा उपयुक्त वातावरण मिलता है जिसमें ये बहुत तेजी से पनपते हैं और  जल्दी ही संक्रमित करते है। असल में यह संक्रमण काल होता है इसलिए इस समय पर हमें अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना आवश...

योग दिवस: व्यस्त जीवन में 10 मिनट योग के Subtle Yoga for Busy Lives

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  व्यस्त जीवन में 10 मिनट योग के...   वर्तमान समय में हम अपनी जीवन शैली को जितनी आरामदायक बना रहे हैं यकीन मानिये उतनी ही चुनौतियाँ हमारे स्वास्थ्य के लिए बन रही है। ऐसे में योग ही ऐसा विकल्प है जो हमें इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है। आज जब लोग तरह तरह की शारीरिक बिमारियों के साथ साथ किसी न किसी तरह के डर, चिंता या तनाव के शिकार हो रहे हैं तब योग एक ऐसा माध्यम है जो शरीर के साथ साथ मन के विकारों को भी नियंत्रित करता है। ऐसे में अगर हम आज योग से जुड़ते हैं तो हम एक स्वस्थ भविष्य की कामना कर सकते हैं।   योग अपने आप मे एक वृहद विषय है फिर भी आज योग का प्रचलन इतना व्यापक हो गया है कि हर कोई योग के प्रति आकर्षित है लेकिन अधिकांश लोग इसे केवल शारीरिक व्यायाम तक ही सीमित समझते हैं जबकि योग हमें केवल शारीरिक ही नहीं अपितु मानसिक, आध्यात्मिक और बौद्धिक रूप से सशक्त करता है।    आज दौड़ती भागती जिंदगी में जब हम किसी कारण वश योग को समय नहीं दे पाते या अपना ध्यान नहीं दे पाते उस समय सूक्ष्म योग के 15 मिनट से भी हमें लाभ मिल सकता है...