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Showing posts from June, 2025

The Spirit of Uttarakhand’s Igas "Let’s Celebrate Another Diwali "

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  चलो मनाएं एक और दिवाली: उत्तराखंड की इगास    एक दिवाली की जगमगाहट अभी धुंधली ही हुई थी कि उत्तराखंड के पारंपरिक लोक पर्व इगास की चमक छाने लगी है। असल में यही गढ़वाल की दिवाली है जिसे इगास बग्वाल/ बूढ़ी दिवाली कहा जाता है। उत्तराखंड में 1 नवंबर 2025 को एक बार फिर से दिवाली ' इगास बग्वाल' के रूप में दिखाई देगी। इगास का अर्थ है एकादशी और बग्वाल का दिवाली इसीलिए दिवाली के 11वे दिन जो एकादशी आती है उस दिन गढ़वाल में एक और दिवाली इगास के रूप में मनाई जाती है।  दिवाली के 11 दिन बाद उत्तराखंड में फिर से दिवाली क्यों मनाई जाती है:  भगवान राम जी के वनवास से अयोध्या लौटने की खबर उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में 11वें दिन मिली थी इसलिए दिवाली 11वें दिन मनाई गई। वहीं गढ़वाल के वीर योद्धा माधो सिंह भंडारी अपनी सेना के साथ जब तिब्बत लड़ाई पर गए तब लंबे समय तक उनका कोई समाचार प्राप्त न हुआ। तब एकादशी के दिन माधो सिंह भंडारी सेना सहित तिब्बत पर विजय प्राप्त करके लौटे थे इसलिए उत्तराखंड में इस विजयोत्सव को लोग इगास को दिवाली की तरह मानते हैं।  शुभ दि...

Rainy Season: Enjoy the greenery, but stay safe बरसात: हरियाली के साथ सावधानी भी

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    बरसात: हरियाली के साथ सावधानी भी   तपती धरती पर जब बारिश की बूँदे गिरती है तभी से आशा बंध जाती है कि अब गर्मीं से राहत मिल जाएगी। रूखा सूखा मन इन बूंदों की खुशबू से ही भीग जाता है। सच में, ये बरसात ही कुछ ऐसी होती है जो केवल धरती ही नहीं अपितु हमारे मन को भी हरियाली से भर देती है। इसीलिए पेड़ पौधे, पशु पक्षी, मनुष्य सभी बरसात में खिले खिले लगते हैं।     अब इस मौसम में जहाँ हमें गर्मी और निराशा से निजात मिलती है वही साथ में अपने स्वास्थ्य के लिए भी लिए कई  चुनौतियाँ मिलती है क्योंकि ये बारिश पेड़ पौधे, पशु पक्षी सभी के लिए एक टॉनिक की तरह काम करती है इसीलिए इसमें केवल ये ही नहीं अपितु सूक्ष्म से सूक्ष्म जीव भी खूब फलते फूलते है। जिस कारण से बैक्टियरिया, वायरस, फंगस आदि के कारण कई रोग फैलते हैं।  बरसात में होने वाले रोग  वायु मे नमी, आद्रता के कारण रोगाणुओं को एक ऐसा उपयुक्त वातावरण मिलता है जिसमें ये बहुत तेजी से पनपते हैं और  जल्दी ही संक्रमित करते है। असल में यह संक्रमण काल होता है इसलिए इस समय पर हमें अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना आवश...

योग दिवस: व्यस्त जीवन में 10 मिनट योग के Subtle Yoga for Busy Lives

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  व्यस्त जीवन में 10 मिनट योग के...   वर्तमान समय में हम अपनी जीवन शैली को जितनी आरामदायक बना रहे हैं यकीन मानिये उतनी ही चुनौतियाँ हमारे स्वास्थ्य के लिए बन रही है। ऐसे में योग ही ऐसा विकल्प है जो हमें इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है। आज जब लोग तरह तरह की शारीरिक बिमारियों के साथ साथ किसी न किसी तरह के डर, चिंता या तनाव के शिकार हो रहे हैं तब योग एक ऐसा माध्यम है जो शरीर के साथ साथ मन के विकारों को भी नियंत्रित करता है। ऐसे में अगर हम आज योग से जुड़ते हैं तो हम एक स्वस्थ भविष्य की कामना कर सकते हैं।   योग अपने आप मे एक वृहद विषय है फिर भी आज योग का प्रचलन इतना व्यापक हो गया है कि हर कोई योग के प्रति आकर्षित है लेकिन अधिकांश लोग इसे केवल शारीरिक व्यायाम तक ही सीमित समझते हैं जबकि योग हमें केवल शारीरिक ही नहीं अपितु मानसिक, आध्यात्मिक और बौद्धिक रूप से सशक्त करता है।    आज दौड़ती भागती जिंदगी में जब हम किसी कारण वश योग को समय नहीं दे पाते या अपना ध्यान नहीं दे पाते उस समय सूक्ष्म योग के 15 मिनट से भी हमें लाभ मिल सकता है...