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Showing posts from June, 2022

The Spirit of Uttarakhand’s Igas "Let’s Celebrate Another Diwali "

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  चलो मनाएं एक और दिवाली: उत्तराखंड की इगास    एक दिवाली की जगमगाहट अभी धुंधली ही हुई थी कि उत्तराखंड के पारंपरिक लोक पर्व इगास की चमक छाने लगी है। असल में यही गढ़वाल की दिवाली है जिसे इगास बग्वाल/ बूढ़ी दिवाली कहा जाता है। उत्तराखंड में 1 नवंबर 2025 को एक बार फिर से दिवाली ' इगास बग्वाल' के रूप में दिखाई देगी। इगास का अर्थ है एकादशी और बग्वाल का दिवाली इसीलिए दिवाली के 11वे दिन जो एकादशी आती है उस दिन गढ़वाल में एक और दिवाली इगास के रूप में मनाई जाती है।  दिवाली के 11 दिन बाद उत्तराखंड में फिर से दिवाली क्यों मनाई जाती है:  भगवान राम जी के वनवास से अयोध्या लौटने की खबर उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में 11वें दिन मिली थी इसलिए दिवाली 11वें दिन मनाई गई। वहीं गढ़वाल के वीर योद्धा माधो सिंह भंडारी अपनी सेना के साथ जब तिब्बत लड़ाई पर गए तब लंबे समय तक उनका कोई समाचार प्राप्त न हुआ। तब एकादशी के दिन माधो सिंह भंडारी सेना सहित तिब्बत पर विजय प्राप्त करके लौटे थे इसलिए उत्तराखंड में इस विजयोत्सव को लोग इगास को दिवाली की तरह मानते हैं।  शुभ दि...

देहरादून: बदलता मौसम...

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देहरादून: बदलता मौसम...    चलो अब तो बारिश हुई और अब जाकर कुछ ठंडक मिली है नहीं तो गर्मी से सब सूख रहे थे। वैसे गर्मियों के दिन है तो गर्मी पड़ेगी ही लेकिन इतनी गर्मी पड़ेगी इसका अंदाज़ा नहीं था। हालांकि हर वर्ष यही कहा जाता है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस साल बहुत गर्मी है लेकिन सच में देहरादून में ऐसी गर्मी का अनुभव पहली बार ही हुआ क्योंकि भले ही देहरादून में तीन चार दिन जलनखोर गर्मी हो लेकिन उसके अगले दिन ठंडक देने बरखा रानी आ ही जाती थी। मगर जाने क्या हुआ इस बार कि बारिश को आते आते 15-20 दिन लग गए लेकिन देर से ही सही अब राहत मिली है क्योंकि बारिश के बाद गर्म मौसम यहाँ उमस नहीं अपितु ठंडा कर देता है।    यहाँ के मौसम का मिजाज ऐसा है कि बस एक बारिश की फुहार और फिर तपने वाला देहरादून ठंडक वाली दून घाटी में बदल जाता है। इसलिए कहा जाता है कि देहरादून के मौसम का कुछ पता नहीं चलता, कब पलट जाए। तभी तो कब से उम्मीद लगा के बैठे थे कि देहरादून का पारा तीन- चार दिन बढ़ते बढ़ते अब तो पलटी मार के नीचे लुढ़क ही जायेगा लेकिन इस बार हमारा ये ख्याल हवा हो गया। देहरादून...

मिशलिन स्टार शेफ विकास खन्ना: सीखने के लिए जुनून जरूरी है...

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मिशलिन स्टार शेफ विकास खन्ना: सीखने के लिए जुनून जरूरी है...     शेफ विकास खन्ना को आज कौन नहीं जानता। ये वो हस्ती है जिनका नाम केवल होटल या रेस्टोरेंट में ही नहीं अपितु पूरी दुनिया में इज्जत के साथ लिया जाता है। 'शेफ विकास खन्ना' जिन्होंने भारतीय व्यंजनों का स्वाद पूरी दुनिया को नए स्वरूप में चखाया।    आज अपनी इसी पर पाक कला के दम पर शेफ विकास खन्ना दुनिया के 10 बेहतरीन ग्लोबल शेफ में से एक हैं। पहली जून को गजेट रिव्यू में शेफ विकास खन्ना को छठा स्थान मिला है और शेफ गॉर्डन रामसे को पहला। शेफ विकास खन्ना को इन्ही सुप्रसिद्ध शेफ गॉर्डन रामसे के शो में भी काम किया है।  पूरी दुनिया के शीर्ष दस में से छठा बेस्ट शेफ होना बहुत बड़ी बात है और भारतीय स्वाद और उसके कारोबार से जुड़े हर भारतीय के लिए ये एक गर्व की बात है।     अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अमृतसर मूल के शेफ विकास खन्ना मिशलिन स्टार भी है जो उन्हें उनके न्यूयाॅर्क स्थित जुनून रेस्त्रां के लिए दिया गया है। मिशलिन स्टार अवार्ड एक फ्रांसीसी अवार्ड है जो फाइन डाइनिंग रेस्टोरेंट की ...