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Showing posts from April, 2022

The Spirit of Uttarakhand’s Igas "Let’s Celebrate Another Diwali "

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  चलो मनाएं एक और दिवाली: उत्तराखंड की इगास    एक दिवाली की जगमगाहट अभी धुंधली ही हुई थी कि उत्तराखंड के पारंपरिक लोक पर्व इगास की चमक छाने लगी है। असल में यही गढ़वाल की दिवाली है जिसे इगास बग्वाल/ बूढ़ी दिवाली कहा जाता है। उत्तराखंड में 1 नवंबर 2025 को एक बार फिर से दिवाली ' इगास बग्वाल' के रूप में दिखाई देगी। इगास का अर्थ है एकादशी और बग्वाल का दिवाली इसीलिए दिवाली के 11वे दिन जो एकादशी आती है उस दिन गढ़वाल में एक और दिवाली इगास के रूप में मनाई जाती है।  दिवाली के 11 दिन बाद उत्तराखंड में फिर से दिवाली क्यों मनाई जाती है:  भगवान राम जी के वनवास से अयोध्या लौटने की खबर उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में 11वें दिन मिली थी इसलिए दिवाली 11वें दिन मनाई गई। वहीं गढ़वाल के वीर योद्धा माधो सिंह भंडारी अपनी सेना के साथ जब तिब्बत लड़ाई पर गए तब लंबे समय तक उनका कोई समाचार प्राप्त न हुआ। तब एकादशी के दिन माधो सिंह भंडारी सेना सहित तिब्बत पर विजय प्राप्त करके लौटे थे इसलिए उत्तराखंड में इस विजयोत्सव को लोग इगास को दिवाली की तरह मानते हैं।  शुभ दि...

उत्तराखंड पर्यटन: चारधाम यात्री कृपया ध्यान दें...

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उत्तराखंड पर्यटन: चारधाम यात्री कृपया ध्यान दें...    गर्मियों में धूप के कारण घर से बाहर निकलने का बिलकुल भी मन नहीं होता लेकिन जब बात उत्तराखंड जाने की हो तो सोचना क्या क्योंकि यहां की मौसम, पेड़ पौधे, पहाड़, नदियां आपको उत्तराखंड की ओर आकर्षित करती हैं इसीलिए तो उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है लेकिन सच बात तो यह है कि यह उत्तराखंड देवभूमि है जहां प्रकृति के साथ देव दर्शन भी होते हैं इसीलिए देश विदेश से लोग उत्तराखंड घूमने आ रहे हैं।    उत्तराखंड में यात्रा तो आप कभी भी कर सकते हैं लेकिन हिमालय के चार धाम यात्रा का समय निश्चित होता है। उत्तराखंड में चार धाम यात्रा, गंगोत्री, यमनोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ की यात्रा एक निश्चित अंतराल के लिए ही खुलती है इसलिए चार धाम यात्रा के लिए आप उत्तराखंड में कभी भी नहीं अपितु विशेष समय पर ही जा सकते हैं। जब इन धाम के कपाट खुलेंगे तभी उत्तराखंड के इन पावन धामों की यात्रा की जा सकती है।    अक्षय तृतीया 3 मई से ही गंगोत्री और यमुनोत्री यात्रा आरंभ हो रही है। केदारनाथ जी के द्व...

स्कूल का खुलना...चैन की सांस..Reopening of Schools

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स्कूल का खुलना...चैन की सांस स्कूल का पहला दिन   रात में घड़ी घड़ी नींद से जागना फिर मोबाइल में समय देखना और फिर दोबारा सो जाना। बस यही क्रम पूरी रात भर चलता रहा और जब सुबह उठी तो अलग ही उलझन हो रही थी। कभी यहां कभी वहां करते हुए घर के बस चक्कर ही लग रहे थे काम तो निपट ही नहीं रहा था। सब कुछ आधा अधूरा था, जो काम कुछ मिनटों का था पता नहीं किस हड़बड़ाहट में घंटा भर लग रहा था। आज कुछ खास था।   आज जय का पहला दिन था उसके स्कूल जाने का शायद इसीलिए मैं कुछ बावली सी हो रखी थी और शायद यही हाल उन सभी मां का भी हो जो पहली बार अपने बच्चे को स्कूल भेज रही हो और उनका भी जो पूरे दो साल के बाद अपने बच्चों को स्कूल के हवाले कर रही हो क्योंकि जितने बच्चे अपने स्कूल जाने में उत्सुक थे उतने ही उत्सुक उनके अभिभावक भी थे। वैसे जिया के समय भी ऐसा ही उत्साह था बस शंकाएं नहीं थी लेकिन जय के साथ उत्साह और शंका दोनों थी क्योंकि कभी उसको अकेला नहीं छोड़ा। अगर जय थोड़ी देर भी शांत रहता है तो लगता है कि ये जरूर कुछ उटपटांग ही कर रहा होगा। और ऐसा ही अन्य मां भी सोच रही होंगी जिनके बच्चे अधिक नट...

रसोई का वित्तीय प्रबंधन,, उड़द दाल की वड़ी Kitchen Finance Management

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हिंदू नव वर्ष में रसोई का वित्तीय प्रबंधन...उड़द दाल की वड़ीयां Kitchen finance management...Urad Daal Wadi    अप्रैल से हिंदू नववर्ष और चैत्र नवरात्र का आरंभ हो गया है साथ ही नए वित्त वर्ष का भी आरंभ है। साल भर में कितना कमाया कितना खर्च किया इसका लेखा जोखा तो होगा ही साथ ही नई वित्तीय चुनौतियों (financial challenge) के लिए भी खुद को तैयार रखना पड़ेगा। एक आम महिला का तो इन चुनौतियों के लिए हमेशा तैयार रहती है क्योंकि वो हर एक दिन अपनी रसोई के बजट से जूझती रहती है।    इसीलिए कितने प्रयोग तो अपनी रसोई से ही कर डालती हैं। अब जैसे अभी की बात ही ले लो होली भी तो मार्च में आती है और इस समय में घर में चिप्स, पापड़, कचरी या नमकीन बनाने का चलन है हालांकि अब थोड़ा कम भी हुआ है लेकिन अभी भी बहुत सी महिलाएं इन सभी को खूब बनाती हैं और आने वाले 3 से 4 महीने तक बच्चों और मेहमान को खूब स्नैक्स की तरह परोसती हैं। ऐसा लगता है कि महिलाएं नए वित्तीय वर्ष की चुनौती से निपटने के लिए तैयारियां आरंभ कर रही हैं।  महंगाई में बचत का स्वाद, घर में करें तैयारी .... ...