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Showing posts from October, 2024

Teej Where Love Meets Devotion and Grace

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    तीज: सुहागनों का उत्सव (प्रेम, तप, समर्पण, श्रृंगार)       छाया: मोनिका ठाकुर, देहरादून   प्रकृति स्वयं माता पार्वती का एक रूप है इसलिए सावन माह में जहाँ हम भगवान् शिव की आराधना करते हैं  वहीं शिवा की पूजा का भी विशेष महत्व है। सावन माह में आने वाली तीज माता पार्वती को ही समर्पित पूजा है। इस दिन सुहागन महिलाएं  माता पार्वती से अपने सुहाग की लम्बी आयु और परिवार की खुशहाली के लिए व्रत करती हैं।  पार्वती का तप:  पौराणिक कथानुसार माता पार्वती आदिदेव शिव से विवाह करना चाहती थी लेकिन शिव उस समय विरक्त थे। नारद मुनि ने बचपन से ही माता के अंदर शिव नाम के बीज बौ दिये थे इसलिए माता शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप करने का निर्णय लिया।     शिव महापुराण के द्वितीय पार्वतीखंड के बाईसवें अध्याय के अनुसार माता पार्वती ने अपने राजसी वास्त्रों को त्यागकर मौंजी और मृगछाला पहनी और गंगोत्री के समीप श्रृंगी नामक तीर्थ पर शंकर जी का स्मरण कर तप करने के लिए चली। तपस्या के पहले वर्ष माता ने केवल फल का आहा...

दिवाली: मन के दीप

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दिवाली: मन के दीप   वर्ष भर से जिस पर्व की प्रतिक्षा की जाती है उसके आने पर उत्साह और उमंग से भर जाना स्वाभाविक है। ये त्यौहार ही तो हैं जो समय समय पर आकर जीवन की उदासीनता को दूर करते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचरण करते हैं। ऐसा लगता है कि इस ऊर्जा से चंहुओर खुशहाली और हर्षोंल्लास का आदान प्रदान हो रहा है। ऐसे ही सुख और आनंद को लेकर दिवाली आ रही है ।    दिवाली का समय हम सभी के लिए विशेष है जहाँ केवल एक दिन नहीं अपितु हम लगभग पूरे सप्ताह ही अपनी खुशियों में मगन होते है। ऐसा लगता है कि ये सप्ताह तो पर्वों का गुलदस्ता है जिसमें हर एक दिन विशेष पर्व के लिए समर्पित है और हर एक पर्व फूलों की भाँति मन को सकारात्मक ऊर्जा से भर रहा है।    यही ऊर्जा हमें हर जगह दीपक के रूप में दिखाई देती है और इसी ऊर्जा से हम आगे बढ़ने की शक्ति मिलती है इसीलिए दिवाली में दीप प्रज्जवलित करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इन्हीं दीपकों की टिमटिमाती रोशनी से हमारे घर और आस पड़ोस सभी जगह सितारों की तरह जगमगाते हैं। ये दृश्य देखने में जितना सुंदर होता है अंदर से मन भी उतना ही सुंदर ...