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Showing posts from October, 2024

International Women's Day

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस International Women's Day  सुन्दर नहीं सशक्त नारी  "चूड़ी, बिंदी, लाली, हार-श्रृंगार यही तो रूप है एक नारी का। इस श्रृंगार के साथ ही जिसकी सूरत चमकती हो और जो  गोरी उजली भी हो वही तो एक सुन्दर नारी है।"  कुछ ऐसा ही एक नारी के विषय में सोचा और समझा जाता है। समाज ने हमेशा से उसके रूप और रंग से उसे जाना है और उसी के अनुसार ही उसकी सुंदरता के मानक भी तय कर दिये हैं। जबकि आप कैसे दिखाई देते हैं  से आवश्यक है कि आप कैसे है!! ये अवश्य है कि श्रृंगार तो नारी के लिए ही बने हैं जो उसे सुन्दर दिखाते है लेकिन असल में नारी की सुंदरता उसके बाहरी श्रृंगार से कहीं अधिक उसके मन से होती है और हर एक नारी मन से सुन्दर होती है।  वही मन जो बचपन में निर्मल और चंचल होता है, यौवन में भावुक और उसके बाद सुकोमल भावनाओं का सागर बन जाता है।  इसी नारी में सौम्यता के गुणों के साथ साथ शक्ति का समावेश हो जाए तो तब वह केवल सुन्दर नहीं, एक सशक्त नारी भी है और इस नारी की शक्ति है ज्ञान। इसलिए श्रृंगार नहीं अपितु ज्ञान की शक्ति एक महिला को विशेष बनाती है।   ज्...

दिवाली: मन के दीप

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दिवाली: मन के दीप   वर्ष भर से जिस पर्व की प्रतिक्षा की जाती है उसके आने पर उत्साह और उमंग से भर जाना स्वाभाविक है। ये त्यौहार ही तो हैं जो समय समय पर आकर जीवन की उदासीनता को दूर करते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचरण करते हैं। ऐसा लगता है कि इस ऊर्जा से चंहुओर खुशहाली और हर्षोंल्लास का आदान प्रदान हो रहा है। ऐसे ही सुख और आनंद को लेकर दिवाली आ रही है ।    दिवाली का समय हम सभी के लिए विशेष है जहाँ केवल एक दिन नहीं अपितु हम लगभग पूरे सप्ताह ही अपनी खुशियों में मगन होते है। ऐसा लगता है कि ये सप्ताह तो पर्वों का गुलदस्ता है जिसमें हर एक दिन विशेष पर्व के लिए समर्पित है और हर एक पर्व फूलों की भाँति मन को सकारात्मक ऊर्जा से भर रहा है।    यही ऊर्जा हमें हर जगह दीपक के रूप में दिखाई देती है और इसी ऊर्जा से हम आगे बढ़ने की शक्ति मिलती है इसीलिए दिवाली में दीप प्रज्जवलित करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इन्हीं दीपकों की टिमटिमाती रोशनी से हमारे घर और आस पड़ोस सभी जगह सितारों की तरह जगमगाते हैं। ये दृश्य देखने में जितना सुंदर होता है अंदर से मन भी उतना ही सुंदर ...