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Showing posts from November, 2023

International Women's Day

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस International Women's Day  सुन्दर नहीं सशक्त नारी  "चूड़ी, बिंदी, लाली, हार-श्रृंगार यही तो रूप है एक नारी का। इस श्रृंगार के साथ ही जिसकी सूरत चमकती हो और जो  गोरी उजली भी हो वही तो एक सुन्दर नारी है।"  कुछ ऐसा ही एक नारी के विषय में सोचा और समझा जाता है। समाज ने हमेशा से उसके रूप और रंग से उसे जाना है और उसी के अनुसार ही उसकी सुंदरता के मानक भी तय कर दिये हैं। जबकि आप कैसे दिखाई देते हैं  से आवश्यक है कि आप कैसे है!! ये अवश्य है कि श्रृंगार तो नारी के लिए ही बने हैं जो उसे सुन्दर दिखाते है लेकिन असल में नारी की सुंदरता उसके बाहरी श्रृंगार से कहीं अधिक उसके मन से होती है और हर एक नारी मन से सुन्दर होती है।  वही मन जो बचपन में निर्मल और चंचल होता है, यौवन में भावुक और उसके बाद सुकोमल भावनाओं का सागर बन जाता है।  इसी नारी में सौम्यता के गुणों के साथ साथ शक्ति का समावेश हो जाए तो तब वह केवल सुन्दर नहीं, एक सशक्त नारी भी है और इस नारी की शक्ति है ज्ञान। इसलिए श्रृंगार नहीं अपितु ज्ञान की शक्ति एक महिला को विशेष बनाती है।   ज्...

सर्दी की धूप

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सर्दी की धूप   सर्दियों का आगमन हो गया है। गर्म कपड़ों पर धूप भी लग चुकी है और पहनना भी आरंभ हो चुका है और इसके साथ ही धूप के साथ आँख मिचोली भी। अंदर बैठो तो ठंडा और बाहर बैठो तो तेज धूप। ऐसा लगता है सर्दी और गर्मी दोनों मिलकर समझौता कर रहे हैं और हमें आंगन और कमरों के बीच दौड़ा रहे है।    वैसे समय चाहे कुछ भी हो सर्दी की धूप आखिर किसे पसंद नहीं!! लगता है कि बस निठ्ठलों की तरह इस धूप में पसर जाओ और सुस्ती का आनंद लों। वैसे कहते हैं कि रोशनी और धूप हर किसी को रिचार्ज कर देती हैं लेकिन सर्दी की धूप में ऐसा नशा होता है कि अच्छे अच्छे धाराशायी हो जाते हैं क्योंकि धूप सेंकते सेंकते आपकी आँख कब लग जायेंगी इसका पता भी नहीं चलेगा। सच में सर्दियों की गुनगुनी धूप सेंकने का मज़ा कुछ अलग ही है। खासकर कि पहाड़ों की धूप की तो बात ही कुछ और है।    वैसे ये परम सत्य है कि सूरज ऊर्जा का भंडार है और इसकी किरणें धरती पर पड़ते ही सभी को सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है। इसीलिए कड़ाके की सर्दी में सुबह उठते ही कोहरे के डर से संशय बना रहता है कि क्या आज धूप आयेगी ...

दीपावली के दीपक

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दीपावली के दीपक : अंतर्मन के दीप    हिंदुओं के मुख्य पर्वों में से एक दीपावली आ रही है जिसके आने की खुशी घर परिवार, मोहल्ला बाजार हर जगह होती है। वैसे तो पूरे वर्ष ही पर्व, उत्सव बने रहते हैं किंतु दीपावली का त्यौहार ऐसा है जिसकी प्रतिक्षा वर्ष के आरंभ से ही होने लगती है। दीपावली का आना मतलब कि चारों ओर एक ऐसा वातावरण बनना जो हमारे घर ही क्या हमारे मन के कोने कोने में भी प्रकाश भर देता है।      जैसे भगवान श्री राम के वनवास के समय लोगों को उनके घर आने की प्रतिक्षा रहती थी उसी तरह से आज भी हम लोग हर वर्ष दीपवाली की प्रतिक्षा करते हैं।    क्योंकि जैसे उस समय सभी का विश्वास था कि जब प्रभु श्री राम घर लौटेंगे तो उनके दुख और कष्ट दूर हो जायेंगे और चारों ओर खुशहाली बनी रहेगी। उसी प्रकार से अभी तक हमारा विश्वास बना हुआ है कि दीवाली आने पर सभी के दुख,दरिद्रता और कष्ट दूर होंगे और आगे का वर्ष सुख समृद्धि से भरपूर होगा।    दीवाली पर हम भगवान राम जी के अयोध्या लौटने की खुशी तो मनाते ही हैं साथ ही मन में विश्वास भी बढ़ाते हैं कि आन...