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Showing posts from February, 2023

Teej Where Love Meets Devotion and Grace

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    तीज: सुहागनों का उत्सव (प्रेम, तप, समर्पण, श्रृंगार)       छाया: मोनिका ठाकुर, देहरादून   प्रकृति स्वयं माता पार्वती का एक रूप है इसलिए सावन माह में जहाँ हम भगवान् शिव की आराधना करते हैं  वहीं शिवा की पूजा का भी विशेष महत्व है। सावन माह में आने वाली तीज माता पार्वती को ही समर्पित पूजा है। इस दिन सुहागन महिलाएं  माता पार्वती से अपने सुहाग की लम्बी आयु और परिवार की खुशहाली के लिए व्रत करती हैं।  पार्वती का तप:  पौराणिक कथानुसार माता पार्वती आदिदेव शिव से विवाह करना चाहती थी लेकिन शिव उस समय विरक्त थे। नारद मुनि ने बचपन से ही माता के अंदर शिव नाम के बीज बौ दिये थे इसलिए माता शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप करने का निर्णय लिया।     शिव महापुराण के द्वितीय पार्वतीखंड के बाईसवें अध्याय के अनुसार माता पार्वती ने अपने राजसी वास्त्रों को त्यागकर मौंजी और मृगछाला पहनी और गंगोत्री के समीप श्रृंगी नामक तीर्थ पर शंकर जी का स्मरण कर तप करने के लिए चली। तपस्या के पहले वर्ष माता ने केवल फल का आहा...

चलते जाना... Keep Going

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   चलते जाना... Keep Going/ Keep Walking     जिंदगी में कब क्या हो कुछ पता नहीं चलता और कई बार जब तक कुछ पता चले तब तक बहुत देर हो जाती है। बस इन्हीं सब के बीच पिछले ढाई तीन महीने बहुत अस्त व्यस्त से थे। डैडी के जाने के बाद ज्यादा कुछ समझ नहीं आ रहा था, मन भी अशांत सा था और दिमाग शून्य। इन सबके बीच जब कुछ समझ नहीं आया तो अकेले चलने लगी और जब चलना आरंभ किया तब समझ आया कि समय के साथ आगे बढ़ जाना चाहिए।     जहाँ अकारण चलना आरंभ किया था वो अब वॉक बन गई है तभी तो जहाँ शरीर भारी, मन अशांत और दिमाग शून्य सा था उसमें भी ठहराव आ गया है। अब शरीर और मन दोनों सकारात्मक ऊर्जा का आभास करते है। इसीलिए अब बस लगता है कि चलते जाना है न केवल स्वस्थ शरीर के लिए अपितु स्वस्थ मन के लिए भी। बिना किसी कारण के चलना आरंभ करने का सफर आज मुझे फिर से अपने से जोड़ रहा है शायद इसीलिए आज मुझे प्रतिदिन अपने लिए समय निकालकर एक से सवा घंटा चलना बहुत अच्छा लग रहा है।       अब इसे सैर कहिए, वॉक कहिए या चलना लेकिन अपने इस समय में लगभग 5 से 6 किल...