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Showing posts from November, 2022

Teej Where Love Meets Devotion and Grace

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    तीज: सुहागनों का उत्सव (प्रेम, तप, समर्पण, श्रृंगार)       छाया: मोनिका ठाकुर, देहरादून   प्रकृति स्वयं माता पार्वती का एक रूप है इसलिए सावन माह में जहाँ हम भगवान् शिव की आराधना करते हैं  वहीं शिवा की पूजा का भी विशेष महत्व है। सावन माह में आने वाली तीज माता पार्वती को ही समर्पित पूजा है। इस दिन सुहागन महिलाएं  माता पार्वती से अपने सुहाग की लम्बी आयु और परिवार की खुशहाली के लिए व्रत करती हैं।  पार्वती का तप:  पौराणिक कथानुसार माता पार्वती आदिदेव शिव से विवाह करना चाहती थी लेकिन शिव उस समय विरक्त थे। नारद मुनि ने बचपन से ही माता के अंदर शिव नाम के बीज बौ दिये थे इसलिए माता शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप करने का निर्णय लिया।     शिव महापुराण के द्वितीय पार्वतीखंड के बाईसवें अध्याय के अनुसार माता पार्वती ने अपने राजसी वास्त्रों को त्यागकर मौंजी और मृगछाला पहनी और गंगोत्री के समीप श्रृंगी नामक तीर्थ पर शंकर जी का स्मरण कर तप करने के लिए चली। तपस्या के पहले वर्ष माता ने केवल फल का आहा...

जीवन अनमोल है... Take care

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Mind, Body and Add Friends...    ये जरूर है कि पैसा जरूरी है। बिना पैसे के आज के समय में कुछ भी नहीं मिल सकता है लेकिन फिर भी कहा जाता है कि मनुष्य का सबसे बड़ा धन स्वास्थ्य है। अगर शरीर स्वस्थ है तो ये मानिये कि आपके पास एक अनोखा खजाना है जो आपकी समृद्धि को कई गुना बढ़ा देगा और सबसे अच्छी बात, कि ये धन केवल आपका है जिसे कोई चोरी भी नहीं कर सकता। फिर भी कितने ही लोग स्वास्थ्य के अमूल्य धन को किनारे लगाकर अन्य भौतिक चीजों पर पूरा ध्यान केंद्रित कर देते हैं जो बाद में उनके पछतावे का कारण बनता है।     ये अवश्य है कि पैसा हमारी भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए तो आवश्यक है लेकिन ये आवश्यक नहीं कि पैसे से हमारी शरीरिक, मानसिक और सामाजिक आवश्यकताओं की भी पूर्ति हो या फिर हम इस पैसे से अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त कर सके लेकिन हाँ, अच्छे स्वास्थ्य के कारण हम धन कमा सकते हैं। लेकिन फिर भी जाने क्यों आज हम इस बात को थोड़ा भूलते जा रहे हैं। अपने स्वास्थ्य को नज़रंदाज करते हुए, केवल धन और अन्य भौतिक वस्तुओं के पीछे भाग रहे हैं। या फिर ऐसी जीवन शैली अपना रहे हैं जि...