जंगल: बचा लो...मैं जल रहा हूं!

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जंगल: बचा लो...मैं जल रहा हूं!    इन दिनों हर कोई गर्मी से बेहाल है क्या लोग और क्या जानवर। यहां तक कि पक्षियों के लिए भी ये दिन कठिन हो रहे हैं। मैदानी क्षेत्र के लोगों को तो गर्मी और उमस के साथ लड़ाई लड़ने की आदत हो गई है लेकिन पहाड़ी क्षेत्र के जीव का क्या उन्हें गर्मी की आदत नहीं है क्योंकि गर्मियों में सूरज चाहे जितना भी तपा ले लेकिन शाम होते होते पहाड़ तो ठंडे हो ही जाते हैं। लेकिन तब क्या हाल हो जब पहाड़ ही जल रहा हो?? उस पहाड़ के जंगल जल रहे हो, वहां के औषधीय वनस्पति से लेकर जानवर तक जल रहे हों। पूरा का पूरा पारिस्थितिकी तंत्र संकट में हो!! उस पहाड़ी क्षेत्र का क्या जहां वन ही जीवन है और जब उस वन में ही आग लगी हो तो जीवन कहां बचा रह जायेगा!!      पिछले कुछ दिनों से बस ऐसी ही खबरें सुनकर डर लग रहा है क्योंकि हमारा जंगल जल रहा है। पिछले साल इसी माह के केवल पांच दिनों में ही जंगल की आग की 361 घटनाएं हो चुकी थी और इसमें लगभग 570 हेक्टेयर जंगल की भूमि का नुकसान हो चुका था। और इस साल 2022 में भी 20 अप्रैल तक 799 आग की घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिसमें 1133 हेक्टेयर वन प्रभ

प्रेम दिवस: वैलेंटाइन डे (Valentines Day)

प्रेम दिवस: वैलेंटाइन डे






    जहाँ फरवरी माह हमें बसंत के आने की सूचना देता है वहीं फरवरी की दस्तक एक खास अवसर की तैयारी के लिए भी होती है। ये अवसर होता है 14 फरवरी का जिसे वैलेंटाइन डे के नाम से ख्याति प्राप्त है। पहले भले ही यह केवल महानगरों या नगरों का दिन था लेकिन आज कस्बों और गांवों में भी इसकी चर्चाएं आम होने लगी हैं। इस अवसर के लिए विशेषत: युवा और प्रेमी जन खूब उत्साहित रहते हैं। खुशनुमा फरवरी का स्वागत प्रेम के उत्साह से होने लगता है। फूल, इत्र, कार्ड, उपहार के साथ बाजार, होटल, मॉल, रेस्टोरेंट आदि जगह भी सजने लगते हैं और प्रेमी प्रेमिकाओं के हाथ गुलाबों से महकने लगते हैं। 



  भले ही यह भारतीय पर्व नहीं है किंतु आज भारत में 14 फरवरी का दिन वैलंटाइन डे के रूप में इतना प्रसिद्ध हो चुका है कि जिसकी तैयारी फरवरी के दूसरे सप्ताह से ही आरंभ हो जाती है। युवाओं के लिए तो यह एक पर्व ही है जहाँ वे इतने उत्साहित होते हैं कि पूरा सप्ताह ही वैलेंटाइन वीक के नाम हो जाता है।    
    प्रेम का सप्ताह (वैलेंटाइन वीक) किसी न किसी विशेष दिन के लिए समर्पित होता है जैसे कि सप्ताह का पहला दिन रोज डे फिर अगला दिन प्रपोज डे फिर चॉकलेट डे, टैडी डे, प्रोमिस डे, हग डे, किस डे और अंतिम दिन में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है।


  अब कुछ लोगों के लिए यह प्रेम का उत्सव है तो कुछ लोगों के लिए युवाओं पर पश्चिमी सभ्यता और संस्कृति का असर। कहीं पर इसकी जोर शोर से तैयारी होती है तो कहीं पर अभी भी इसका विरोध है। वैसे इतनी विशाल जनसंख्या वाले हमारे देश में जब भिन्न भिन्न धर्म, जाति और संस्कृतियों का बसेरा है तो विचारों में मतभेद होना भी स्वाभाविक है इसलिए सभी के अपने अपने मत और अपने विचार रखना भी गलत नहीं हैं। 
  अब अगर भारतीय संस्कृति को देखा जाए तो हमारे यहाँ पर किसी भी व्रत, पर्व, त्यौहार, उत्सव या किसी भी शुभ कार्य का आरंभ ईश्वर की प्रार्थना के साथ ही किया जाता है जो हमें उस कार्य के प्रति और भी समर्पित करता है। हमारे भारतीय पर्व हमारे मन में खुशी और सकारामकता का भाव देते हैं जो हमें हर वर्ष एक नई ऊर्जा से अपने साथ जोड़ते हैं। अब इस तरह से तो वैलेंटाइन डे नहीं मनाया जाता है!! इसलिए यह तो सभी मानते ही हैं कि यह हमारी संस्कृति का भाग तो नहीं है, यह बाहर के देशों का एक पारंपरिक दिन है किंतु जब देश दुनिया सब आगे बढ़ रहे है और आज वैश्वीकरण के समय सभ्यताओं और संस्कृतियों का आदान प्रदान भी हो रहा है तो इसका कुछ प्रभाव तो हर जगह दिखाई देगा ही।
   अब जैसे गैर भारतीयों को होली दिवाली मनाते हुए देखना आम हो गया है और हमें खुशी होती है वैसे ही भारत में भी लोगों का वैलेंटाइन डे मनाना कोई बड़ी बात या कोई बुरी बात नहीं है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि जैसे अन्य उत्सवों पर बाजार में रौनक रहती है ऐसे ही इस समय भी बाजार में बिक्री बढ़ जाती है जहाँ एक छोटे से फूल वाले का व्यवसाय भी बढ़ जाता है। 
  किसी भी सभ्यता के अच्छे आचार विचार गुण विशेषता को अपनाना गलत नहीं है ऐसे ही वैलेंटाइन डे को प्रेम दिवस के रूप में मनाना गलत नहीं है लेकिन प्रेम के मायने को गलत ढंग से जताना गलत है। अपने संस्कार, सभ्यता या संस्कृति को भूलकर अपनी सीमाओं और मर्यादाओं को तोड़ना और अश्लीलता की हदें पार करना गलत है क्योंकि सभ्य समाज में आज भी शालीनता का हमेशा से स्वागत होता है इसलिए वैलेंटाइन डे, प्रेम दिवस पर अपनी कोमल भावनाओं को व्यक्त करें किसी पर थोपे नहीं और साथ ही अपने साथी की भावनाओं का भी सम्मान करें । 


  छल कपट से दूर इस दिन अपने साथी या प्रेमीजन के साथ एक अच्छा समय (क्वालिटी टाइम) व्यतीत करें उसे उपभोग का साधन न समझे। दिखावे और महंगे उपहारों से इतर वैलेंटाइन डे में किसी विरोध का नहीं अपितु प्रेम का दिन है, 
प्रेम के महत्व का दिन है, अपनी कोमल भावनाओं को भेजने का दिन है और अपने प्रेम को फूलों की भाँति महकाने का दिन है तो सभी के लिए 'हैप्पी वैलेंटाइन डे'। 


एक -Naari

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