साथी...
"साँसों की जरूरत है जैसे जिंदगी के लिए हाँ एक सनम चाहिए आशिक़ी के लिए।" ये गाना तो आपने भी सुना ही होगा। जितना मधुर इसका संगीत है उतने ही अनमोल इसके बोल। अब जिंदगी के लिए जितनी आवश्यक सांस है उतना ही आवश्यक साथ भी है। आशिक़ी तो एक उम्र तक सीमित हो सकती है परंतु साथ उम्र भर तक का होता है। फिर चाहे वो रिश्तों का हो या खून का।
इसीलिए तो साथ न सभी को चाहिए होता है। चाहे वो पति पत्नी का हो, भाई भाई या भाई बहन का या माता पिता का या फिर दोस्त या सहेलियों का साथ। अकेले रहना शायद ही किसी को पसंद हो और अगर होगा भी तो बहुत ही कम समय के लिए ही अकेले रहना भाता होगा क्योंकि साथी के साथ जीवन जिया जाता है और बिना साथ के जीवन केवल कटता है क्योंकि एक समय पर अकेलापन काटता भी है।
अकेला आदमी पूरे दिन भर लोगों से घिरा रह सकता है या पूरे दिन भर अपने कार्यों में व्यस्त रह सकता है लेकिन घर एक ऐसी जगह है जहाँ आप अपने को कितना भी व्यस्त रखें एक समय पर बिना साथ के घर का खालीपन आपको बेचैन कर देता है और अगर लगातार आप खाली हैं बिना साथ के हैं तो आपका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है।
अकेले रहना नुकसानदायक है। इसका प्रतिकूल प्रभाव स्वास्थ्य पर पड़ता है जैसे कि चिंता, तनाव, अनिद्रा, अवसाद आदि मानसिक रोगों के साथ साथ कई शरीरिक रोग मोटापा, रक्तचाप, मधुमेह इत्यादि के शिकार होना भी हो सकता है। वहीं अगर घर परिवार में किसी का साथ है तो चाहे दिन भर में कितना भी तनाव हो घर के साथी से थकान ढीली पड़ जाती है। क्योंकि साथी हमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में भावनात्मक और मानसिक मजबूती प्रदान करते हैं।
इसका आभास उन्हें कम होता है जो लोग अकेले रहते हैं लेकिन जो लोग घर परिवार या किसी के साथ रहते हैं उन्हें अकेले रहने में अधिक तकलीफ होती है। अब भले ही ऐसे लोग जो दिन भर अपने घर परिवार में उलझे रहते हों उन्हें कुछ समय के लिए अकेला रहना पसंद भी हो लेकिन एक समय पर वे अपने घर परिवार के साथ के लिए दौड़ पड़ते हैं।
उन सभी को एक तस्सली रहती है कि घर पर कोई है जिसके साथ से जीवन बेहतर होगा, घर के लोगों का शोर खालीपन की गूँज से अधिक मधुर होगा, स्वतंत्र उड़ने वालों से कहीं अच्छा किसी के साथ बंधना होगा। यह कहना गलत नहीं होगा कि साथी एक दवा की तरह है जो खालीपन के रोग को दूर करता है और जीवन के स्तर को बेहतर करता है। खाली घर और खाली जीवन की नकारात्मक ऊर्जा को छोड़कर साथी की भावनात्मक ऊर्जा से जुड़ना अधिक सार्थक होगा।
जीवन जीने के लिए साथी आवश्यक है इसलिए अकेले नहीं, साथ रहिये क्योंकि "साथी की जरूरत है जैसे जिंदगी के लिए... "
एक- Naari
Bahut sunder👌👌
ReplyDeleteVery true.
ReplyDeleteBohot khoob ....ek nayi ...soch ka bakhubi varnaa kia hai mam ..... Thank you 😊👍
ReplyDelete